रायपुर. भारत-चीन की सीमा पर डोकलाम में तैनात सैनिक की गांव की दशा को लेकर लिखी गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी काम कर गई. पीएमओ से पत्र मिलने के साथ गांव भानसोज में नाली और सड़क निर्माण के लिए प्रशासनिक टीम ने सोमवार को दौरा किया है. इसके साथ ही गांव में जल्द सड़क, नाली निर्माण की उम्मीद नजर आने लगी है.
डोकलाम में तैनात सैनिक दानेश देवांगन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में रायपुर जिले के आरंग ब्लॉक में स्थित अपने गांव भानसोज में नाली और सड़क नहीं होने की वजह से लोगों को हो रही परेशानियों का जिक्र किया था. सैनिक ने प्रधानमंत्री लिखा कि एक तरफ देश बुलेट ट्रेन विकसित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर मेरा गांव भानसोज में सड़क और नाली नहीं होने की वजह से कीचड़ नजर आता है. इससे मुझे शर्मिंदगी महसूस होती है, क्योंकि आस-पास के तमाम गांवों में पर्याप्त नाली और सड़क की व्यवस्था है.
बचपन में मेरा गांव जैसे था आज भी वैसा है
सैनिक दानेश देवांगन ने पत्र में कहा कि वोट बैंक की खातिर नेताओं और अधिकारियों ने गांवों को सड़क, नाली निर्माण के लिए फंड जारी करते हैं, लेकिन उसके गांव पर किसी की आज तक नजर नहीं पड़ी. आज भी मेरे गांव की स्थिति वैसे ही है, जैसे मेरे बचपन के दौरान नजर आती थी. प्रधानमंत्री जी, आपके गांव को स्मार्ट गांव बनाने की योजना के तहत गांव में सड़क और नाली बनाएं.
छह महीने बाद शुरू हुआ एक्शन
बीते साल 15 सितंबर को भेजी गई चिट्ठी ने अब जाकर असर करना शुरू किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय से जिला प्रशासन से किए गए पत्र व्यवहार के बाद दो दिन पहले ही प्रशासन की एक टीम पहुंची, जिसने गांव का जायजा लेते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की. माना जा रहा है कि एक टीम की रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही गांव में सड़क और नाली निर्माण का काम शुरू होगा. गांव वालों ने गांव के सपूत दानेश देवांगन की इस कवायद पर गर्व करते हुए उनके गांव आने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा.