आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर में विषम परिस्थितियों में हथियारबंद हार्डकोर नक्सलियों को पटखनी देने वाले सुरक्षाबलों के जवान इन दिनों मलेरिया के प्रकोप से जूझ रहे हैं. दरअसल बस्तर में नक्सल मोर्चों पर दूरस्थ कैंपों में तैनात जवान मानसून के मौसम में इन दिनों मलेरिया की चपेट में आकर ईलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. इस साल के मानसून सीजन में अब तक दो जवानों की मौत भी हो चुकी है.

बस्तर संभाग में लगातार मलेरिया से ग्रसित जवानों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके अलावा अब CRPF और पुलिस के अधिकारी भी मलेरिया की चपेट में आ रहे हैं. बस्तर में मलेरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. संवेदनशील क्षेत्रों में नक्सलियों से लोहा ले रहे जवान मलेरिया से ग्रसित हो रहे हैं. अब तक कांकेर में तैनात बस्तर फाइटर के जवान और नारायणपुर में तैनात एसटीएफ जवान की मलेरिया से मौत हुई है.

जवानों को सतर्कता बरतने के दिए हैं निर्देश : आईजी

बस्तर जिले में मौजूद STF कैम्प के 17 जवान मलेरिया पॉजिटिव पाए गए थे, जिनका इलाज बस्तर के सरकारी अस्पताल में चल रहा था. बस्तर आईजी सुंदरराज पी. का कहना है कि जंगलों में तैनात जवानों को सतरकता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही मच्छरदानी, ओडो मास जैसे सुविधाएं भी पहुंचाई जा रही है. इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए कैंपों के आसपास छिड़काव किया जा रहा है. हालांकि इस वर्ष डेंगू मलेरिया के मामले में कमी जरूर आई है. अब तक डेंगू और मलेरिया की वजह से सैकड़ों जवानों की जान जा चुकी है.

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