देवरिया. उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पिता की हत्या का बदला लेने के लिए बेटे ने 35 साल तक का इंतजार किया. इसके बाद हत्यारे को मौत के घाट उतार दिया. रविवार को उसका शव तुर्तीपार रेलवे हाल्ट स्टेशन के पास बरामद हुआ. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मृतक लार थाने का हिस्ट्रीशीटर था और साल 1985 में उसने देवरिया कचहरी में एक व्यक्ति की बम मारकर हत्या कर दी थी.
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दरअसल, पूरा मामला 1985 का है. जहां देवरिया जिले के सुरौली थाना क्षेत्र के सिसवां पाण्डेय गांव निवासी विजयी पाण्डेय की देवरिया कचहरी में बम मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में लार थाना क्षेत्र के ब्रजेश सिंह समेत चार लोग हत्यारोपी बनाए गए थे. ब्रजेश सिंह लार थाना क्षेत्र के बौली वार्ड निवासी था और लार थाने का हिस्ट्रीशीटर था. रविवार को उसका शव तुर्तीपार रेलवे हाल्ट के निकट मिला था. पुलिस ने ब्रजेश के भतीजे की तहरीर पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया था.
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बदले की आग में जल रहा था बेटा
घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि विजयी पाण्डेय की हत्या के बाद उनका बेटा ज्ञानेश्वर कुमार पांडेय बदले की आग में जल रहा था. पिता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने सलेमपुर थाना क्षेत्र के देवपार गांव निवासी बदमाश राजेश मिश्रा से संपर्क किया. दोनों ने प्लान बनाकर ब्रजेश सिंह को दावत के बहाने बुलाया और तुर्तीपार हाल्ट स्टेशन के पास ले जाकर हत्या कर दी. पुलिस ने इस मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
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