आमोद कुमार/कोई लवर/भोजपुर। चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव में झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपति नाथ तिवारी की नृशंस हत्या केस में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया है कि किसी बाहरी व्यक्ति ने नही बल्कि स्वयं मृतक के इकलौते बेटे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर इस वारदात की साजिश रची थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

पैसों और संपत्ति विवाद से था तनाव

सदर एसडीपीओ-2 रंजीत कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि हत्या में मृतक का पुत्र विशाल तिवारी और उसका दोस्त मो. जिशान अहमद जिलानी शामिल थे। पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। पुलिस के अनुसार जनवरी में होने वाली सेवानिवृत्ति के बाद अनुकंपा पर नौकरी, पैसों के लेन-देन और जमीन रजिस्ट्री को लेकर पिता-पुत्र के बीच लगातार विवाद चल रहा था। इसी नाराजगी में बेटे ने दोस्त के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया।

छुट्टी पर घर आए थे हवलदार

बीते शुक्रवार रात 58 वर्षीय पशुपति नाथ तिवारी की उनके पैतृक आवास पर धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के समय वे छुट्टी पर गांव आए हुए थे जबकि उनकी पत्नी बगल के कमरे में थीं और उन्हें घटना की भनक तक नहीं लगी।

जांच के दौरान बेटे पर गया शक

एफएसएल टीम और पुलिस ने कई एंगल से जांच की। साक्ष्य जुटने के बाद शक बेटे की ओर गया, और सख्त पूछताछ में पूरा हत्याकांड बेनकाब हो गया। हालांकि, पुलिस ने मृतक की पत्नी की भूमिका पर कोई टिप्पणी नहीं की है। घटना के बाद गांव में दहशत और स्तब्धता का माहौल है।