पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। क्षेत्र के छोटे से गाँव गिरशूल से निकलकर नरेंद्र कश्यप ने साउथ हिमालय के 12,500 फीट की ऊंची चढ़ाई 4 दिन में पूरी की. नरेंद्र अब आगे एवरेस्ट फतह करना चाहते हैं.

देवभोग से 5 किमी की दूरी लर बसे गांव गिरशूल के शिक्षक योगेन्द्र कश्यप के तीन बेटों में से सबसे छोटे सुपुत्र नरेंद्र जिले ही नहीं संभाग के पहले युवा हैं, जिन्होंने साउथ हिमालय के केदारकंठ चोटी (उत्तराखण्ड) की 12500 फीट की ऊंची -16 डिग्री के ठंड में नरेंद्र ने 21 दिसम्बर को चढ़ाई पूरी की.

नरेंद्र ने कहा कि माउंटिंग लाइन में चल कर एवरेस्ट की 29500 ऊंची चोटी की चढ़ाई पूरी कर छतीसगढ़ का मान बढ़ाने का सपना है. इसलिए वे विगत तीन वर्षों से छोटी-छोटी चोटियों की चढ़ाई कर रहे हैं. अभी इसकी शुरुवात की गई है. 26 वर्षीय नरेंद्र का दावा है कि 2025 के पहले वे एवरेस्ट फतह कर लेंगे.

टूरिज्म में एमबीए कर बने प्रेरणा स्रोत

गिरशूल ग्राम में प्राथमिक शिक्षा पूरी कर नरेंद्र ने चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट में टुरिस्ट फेकल्टी पर एमबीए 2018 में पूरी कर हैदराबाद के एक टुरिस्ट कम्पनी में असिटेंट मैनेजर की नौकरी कर रहे हैं. शुरू से ही घूमने-फिरने के शौकीन नरेंद्र ने इसी में कॉरियर ढूंढ लिया. 3 साल की नौकरी में नरेंद्र 21 राज्यों का भ्रमण कर लिया. उनके सहपाठियों के साथ इलाके भर के युवा उनसे जुड़कर टूरिस्ट लाइन में करियर बनाने के टिप्स ले रहे है।