लखनऊ. अक्सर बेटे औऱ बहू के सताये मां-बाप की कहानियां अखबारों और सोशल मीडिया की सुर्खियां बनती रहती हैं. कलयुग में ऐसे भी श्रवण कमार हैं जिनकी कहानियां लंबे अरसे तक लोगों के जेहन में जिंदा रहेंगी.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में पुलिस ट्रेनिंग कालेज है. यहां पुलिस के सिपाही से लेकर अधिकारियों तक की ट्रेनिंग होती है. पुलिस ट्रेनिंग कालेज में इन दिनों मुकुल नाम के सिपाही के चर्चे हर कोई कर रहा है. दरअसल मुकुल ने ऐसा काम किया है जिसे सामान्य इंसान सोच भी नहीं सकता है. मुकुल का सेलेक्शन उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर हो गया था. वह चयन के बाद नौकरी के लिए जरूरी ट्रेनिंग मुरादाबाद के पुलिस ट्रेनिंग कालेज में कर रहा था.
मुकुल को ट्रेनिंग के शुरुआत से ही एक चीज अखर रही थी. वो थी अपने परिजनों से दूर होकर उनकी देखभाल न कर पाने की चिंता. मुकुल अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था औऱ उसके ट्रेनिंग में चले जाने की वजह से वह अपने माता-पिता की सेवा नहीं कर पा रहा था.
आखिरकार मुकुल ने पुलिस की नौकरी के ऊपर अपने मां-बाप की सेवा के फर्ज को रखा औऱ काफी सोच-विचार के बाद पुलिस विभाग की नौकरी से इस्तीफा लिखकर उच्चाधिकारियों को सौंप दिया. अपनी तरह के इस अनूठे मामले को पुलिस अधिकारी भी बेहद मानवीयता के साथ हैंडल करना चाहते हैं. इसलिए मुकुल के इस्तीफे पर अधिकारियों ने कोई फैसला नहीं लिया है. वे ऐसी संभावनाएं खोजने में लगे हैं ताकि मुकुल को अपने परिजनों की सेवा और पुलिस की नौकरी दोनों करने का मौका मिल सके. फिलहाल हरकोई मां-बाप की सेवा के लिए सरकारी नौकरी तक को लात मार देने वाले मुकुल के फर्ज की तारीफ कर रहा है. अधिकारी भी मुकुल की भावनाओं का सम्मान करते हुए कोई रास्ता निकालने में जुटे हैं. वैसे कलियुग के इस श्रवण कुमार ने साबित कर दिया कि आज भी ऐसी संतानें हैं जिनके लिए मां-बाप की सेवा से बड़ा कोई फर्ज नहीं है.