रायपुर। आज इंजीनियरिंग के सामने नई चुनौतियां एवं भविष्य भी हैं। वे अब मेकोट्रानिक्स नैनो इंजीनियरिंग, बॉयो इंजीनियरिंग के रूप में सामने आ रही है। मगर हमारी सबसे बड़ी ताकत सृजनात्मकता है। इससे ही भविष्य की लीडरशीप तैयार होगी। सोनमणि बोरा ने इंडियन इंजीनियर्स फेडरेशन वेस्टर्न रीजन एवं अभियंता परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि सृजनात्मकता सबसे अनोखा गुण है, उसे किसी भी हाल में खत्म न होने दें, वही हमारी ताकत है। इसकी सहायता से इंजीनियरिंग में, हर डिजाईन में नई सोच, नई स्वरूप विकसित कर सकते हैं। इसे अपनाकर कोई भी अभियंता आगे बढ़ सकता है।

बोरा ने कहा कि मेकोट्रानिक्स में आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स की भूमिका बढ़ गई है। इससे मिनटों में नई डिजाईन बन सकती है। आइडिया शेयर हो सकते हैं, मगर कितनी भी नई तकनीक आ जाए पर रोबोट के कोई भी भीतर क्रिएटिविटी नहीं आ सकती। बोरा ने कहा कि आज लीडरशीप के मामले में परिवर्तन आ रहा है यह जरूरी नहीं है कि यह लीडरशीप सिर्फ विकसित देशों के पास ही हो, यह किसी भी यहां तक तीसरी दुनिया के देशों के पास भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि अभियंताओं जो भी करें विश्वव्यापी परिवर्तन को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए उसे भविष्य में होने वाली परिवर्तन के लिए तैयार रहना चाहिए। वे यह प्रयास करें कि जो वे डिजाईन या संरचना तैयार कर रहे हैं उसका सामाजिक सारोकार कितना है? क्या वह किसी संस्कृति-परंपरा के अनुकूल है। इंजीनियर्स जो भी काम करे, उसमें आउट ऑफ बाक्स होकर प्लानिंग करे। यह भी सोचें कि गैर पंरपरागत ऊर्जा स्रोत जैसे सौर ऊर्जा तथा अन्य स्रोतों का डिजाईन और संरचनाओं में कैसे बेहतर उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने इंजीनियरिंग कमीशन की भूमिका पर भी बल दिया।

बोरा ने कहा कि आज कई इंजीरियरिंग कॉलेज बंद हो रहे हैं, सीटें सीमित हो रही हैं। उनमें सिर्फ परंपरागत संकाय की पढ़ाई हो रही है। इनमें हमें रिइंजीनियरिंग करने की आवश्यकता है। अध्ययन में नवाचार लाएं, जो वर्तमान युग के अनुकूल हो। अभियंता समाज का महत्वपूर्ण अंग है, वे आज जो भी कर रहे हैं, वह उनका समाज में दीर्घयामी सामाजिक निवेश है। उन्होंने कहा कि आशा है कि फेडरेशन की यह बैठक उन चुनौतियां का सामने करने और सारे विद्याओं को एक छतरी के नीचे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
इस अवसर पर राज्य सेवा संवाद पत्रिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में एस. डी. भागवत मुख्य तकनीकी परीक्षक एवं श्री अशोक ससाने ने अपना संबोधन दिया। इस अवसर पर इंडेफ के अध्यक्ष जी.एस. सागर, रविकांत जायसवाल, आनंद वाघुरमेकर, संजय कुमार गुप्ता, के.एम.आई. सैयद, मसाल गड़क्कर एवं  यूके. सूरज सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित थे।