रायपुर-जल संसाधन सचिव सोनमणि बोरा ने कल शनिवार 24 मार्च को लोक सुराज अभियान के तहत कोरिया जिले के खड़गवां विकासखंड स्थित निर्माणाधीन अंजनी जलाशय परियोजना का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने पिचिंग कार्य सहित दूसरे कार्यों में गंभीर अनियमितता पाई.उन्होंने मौके पर मौजूद सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों से परियोजना के संबंध में पूछताछ की.
अधिकारियों ने बताया कि 22 करोड़ रुपए की लागत से यह परियोजना 2013 में शुरू की गई थी. इस पर विभागीय सचिव सोनमणि बोरा ने गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 5 साल बाद भी निर्माण कार्य क्यों पूरा नहीं हुआ है.साथ ही उन्होंने तकनीकी आधार पर कई गंभीर खामियां पाई. उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और ठेकेदार से पूछा कि निर्धारित मापदंडों के अनुरूप यहां पर इंजीनियर के सुपर विजन में काम कराया गया है या नहीं.इस पर पता चला कि पूरे निर्माण के दौरान कहीं भी ठेकेदार ने इंजीनियर की नियुक्ति नहीं की थी.इस पर भी सोनमणि बोरा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की.
जल संसाधन सचिव सोनमणि बोरा ने पिचिंग के कार्य में गंभीर अनियमितता पाई. उन्होंने पूरे पिचिंग को उखाड़कर नए सिरे से पिचिंग तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह दोबारा पिचिंग बनने के बाद ऊपर से नीचे तक दौड़ कर देखेंगे और इस दौरान उनका पैर कहीं भी लड़खड़ाना नहीं चाहिए.यदि पैर लड़खड़ाया तो वह यह मानेंगे कि निर्माण कार्य ठीक से नहीं हुआ है.
सोनमणि बोरा ने कहा कि अंजनी जलाशय परियोजना के काम को तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया गया है और गुणवत्ता विहीन निर्माण पर अधीक्षण अभियंता एस के रवि,कार्यपालन अभियंता वी एस साहू,एसडीओ अगस्टीन टोप्पो और ठेकेदार सुनील सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.अधिकारियों से 10 दिन के भीतर जवाब मांग कर कहा गया है कि वे गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेने पर ही दोबारा काम शुरू कर सकेंगे.उसके बाद अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वह इस बरसात से पहले जलाशय का काम पूरा करा लें.
लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि उन्होंने गलत निर्माण कार्य पर ठेकेदार को किए जाने वाले भुगतान में कटौती करनेेे के निर्देश दिए हैं. साथ ही आला अधिकारियों को नोटिस जारी कर गुणवत्ता विहीन निर्माण पर जवाब मांगा गया है.