नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कोरिया स्थित बैैैैकुण्ठपुर केे एक ही परिवार के 5 लोगों के बहुचर्चित हत्याकांड में मृत्युदंड की सजा पाए सोनू सरदार की सजा को दिल्ली हाईकोर्ट ने बदल कर आजीवन कारावास कर दिया है।
सोनू को जिला न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने और फिर सुप्रीमकोर्ट ने जिला न्यायालय के फैसले को यथावत रखा था। सोनू की सजा के खिलाफ राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई गई थी जिसे राष्ट्रपति ने भी खारिज कर दिया था।
सोनू की सजा के खिलाफ उसके वकीलों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई, छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए याचिका का विरोध किया था। सरकार की तरफ से पैरवी करने वकील ने दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसकी सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट नहीं कर सकती। छत्तीसगढ़ सरकार की यह दलील हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए सोनू सरदार की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।
क्या था मामला
सोनू और उसके साथियों ने 26 नवंबर 2004 को कबाड़ व्यापारी शमीम अख्तर और परिवार के 5 सदस्यों को टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे। आरोपी शाम के समय शमीम के घर पहुंचे। उन्हें मालूम था शमीम के पास दो लाख से ज्यादा कैश है। कबाड़ बेचने का झूठ बोलकर घर में घुसे और शमीम, उसकी पत्नी रुखसाना, बेटी रानो, बेटे याकूब और 5 महीने की नन्हीं बच्ची की हत्या कर दी। शमीम की छह साल की बेटी ने किसी तरह भागकर जान बचाई थी।