जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका)। दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहान्सबर्ग में दक्षिणी गोलार्ध के सबसे बड़े हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का एक भव्य समारोह में अनावरण किया गया. इस मंदिर की स्थापना को दक्षिण अफ्रीका में हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है.
दक्षिण अफ्रीका में हिन्दुओं की आबादी दो प्रतिशत से भी कम है, लेकिन जितने भी हिन्दू हैं, उनमें धर्म की प्रति गहरी आस्था है. इसकी एक झलक मंदिर के अनावरण समारोह में देखने को मिली. रविवार को सूरज के उदय होने से पहले ही श्रद्धालु अभिषेक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए पहुँच गए थे. अनुष्ठान का नेतृत्व भारत से आए बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) के 92 वर्षीय आध्यात्मिक नेता महंत स्वामी महाराज ने किया.
BAPS के प्रवक्ता हेमंग देसाई ने बताया कि मंदिर का उद्देश्य “अंतर-सांस्कृतिक, अंतर-धार्मिक संवाद और आदान-प्रदान” का केंद्र बनना है. देसाई ने बताया, “यह सभा और संचार, नेटवर्किंग से बढ़कर प्रार्थना के लिए एक जगह है.”
मंदिर को BAPS द्वारा “दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़ा हिंदू सांस्कृतिक परिसर” बताया गया है, जिसे एक सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र के तौर पर कार्य करने के लिए तैयार किया गया है. उद्घाटन से पहले शनिवार को जोहान्सबर्ग में एक भव्य नगर यात्रा जुलूस निकाला गया, जिसमें भक्ति संगीत, मार्चिंग बैंड और नर्तक शामिल थे.
देसाई ने कहा कि मंदिर का चयन जोहान्सबर्ग में पहले से ही बड़ी संख्या में हिंदू अनुयायियों और देश के अन्य हिस्सों से इस क्षेत्र में आने वाले “प्रवासी हिंदुओं की बड़ी आमद” के कारण किया गया था. अपने धार्मिक महत्व के अलावा, यह स्थल कला, नृत्य, भाषा और आस्था के पाठ्यक्रम प्रदान करेगा, जो दक्षिण अफ्रीकी हिंदू समुदाय द्वारा बोली जाने वाली विविध भाषाओं को पूरा करेगा. इसके अलावा BAPS मंदिर की पहल के माध्यम से अपने धर्मार्थ कार्य को जारी रखेगा.