Sovereign Gold Bond Maturity Return: जिन लोगों ने साल 2017 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाया था, उनके लिए अब खुशी की बड़ी वजह है. आठ साल पहले किया गया यह निवेश अब पूरा हो गया है और निवेशकों को उम्मीद से कहीं ज्यादा रिटर्न मिला है.
साल 2017-18 की सीरीज XIII के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड हाल ही में मैच्योर हुए हैं. इस दौरान सोने के दाम जिस तरह बढ़े, उसका पूरा फायदा बॉन्ड धारकों को मिला. रिजर्व बैंक ने जो अंतिम कीमत तय की है, उसके हिसाब से इस बॉन्ड ने करीब 380 फीसदी तक का रिटर्न दिया है.
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मैच्योरिटी पर कितनी मिली रकम
RBI ने इस सीरीज के गोल्ड बॉन्ड की अंतिम रिडम्पशन कीमत 13,563 रुपये प्रति यूनिट रखी है. यह बॉन्ड 26 दिसंबर 2025 को पूरा हुआ. यह कीमत ऐसे तय की जाती है कि मैच्योरिटी से पहले के तीन कामकाजी दिनों में 999 शुद्धता वाले सोने की औसत कीमत देखी जाती है. पिछले आठ सालों में सोने के दाम काफी बढ़े हैं, इसी वजह से रिडम्पशन प्राइस भी इतना ऊंचा रहा.
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शुरुआत में कितने में खरीदा गया था बॉन्ड
जब यह गोल्ड बॉन्ड दिसंबर 2017 में लॉन्च हुआ था, तब इसकी कीमत 2,866 रुपये प्रति ग्राम रखी गई थी. जो निवेशक ऑनलाइन आवेदन करते थे, उन्हें थोड़ी छूट भी मिलती थी. ऐसे निवेशकों को यह बॉन्ड 2,816 रुपये में पड़ा था. उस समय यह कीमत काफी सस्ती मानी जा रही थी.
निवेशकों को कितना फायदा हुआ
जिन लोगों ने यह बॉन्ड ऑनलाइन खरीदा और पूरे आठ साल तक संभाल कर रखा, उन्हें सिर्फ कीमत बढ़ने से ही प्रति यूनिट करीब 10,700 रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ. अगर प्रतिशत में देखें, तो यह लगभग 380 फीसदी का सीधा रिटर्न बनता है.
इसके अलावा एक और फायदा भी मिला. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर हर साल 2.5 फीसदी का तय ब्याज भी मिलता है. यह ब्याज हर छह महीने में सीधे निवेशक के बैंक खाते में जाता है. अगर इस ब्याज को भी जोड़ लिया जाए, तो कुल कमाई और ज्यादा हो जाती है.
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड क्यों पसंद किए जाते हैं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की तरफ से जारी किए जाते हैं और इन्हें RBI संभालता है. यही वजह है कि इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है. इसमें असली सोना रखने की जरूरत नहीं होती. न चोरी का डर, न शुद्धता की चिंता. निवेशक इसे कागज या डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं. जरूरत पड़े तो इसे स्टॉक एक्सचेंज पर बेच भी सकते हैं.
मैच्योरिटी पर पैसा कैसे मिलता है
जो निवेशक बॉन्ड को पूरा समय यानी मैच्योरिटी तक रखते हैं, उन्हें पैसा सीधे उनके बैंक खाते में भेज दिया जाता है. RBI आमतौर पर पहले से इसकी जानकारी दे देता है. अगर किसी निवेशक ने अपना बैंक अकाउंट या मोबाइल नंबर बदला हो, तो समय रहते अपडेट करना जरूरी होता है, ताकि पैसे मिलने में कोई दिक्कत न हो.
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निवेश से पहले क्या ध्यान रखना चाहिए
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सबसे बड़ा उतार-चढ़ाव सोने की कीमतों पर निर्भर करता है. अगर मैच्योरिटी के समय सोने के दाम कम हों, तो फायदा भी कम हो सकता है. लेकिन इस सीरीज ने साफ दिखा दिया है कि जो निवेशक धैर्य रखते हैं और लंबे समय तक निवेश बनाए रखते हैं, उनके लिए गोल्ड बॉन्ड बहुत अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.
कुल मिलाकर, SGB 2017-18 सीरीज XIII ने यह साबित कर दिया है कि सही समय पर किया गया निवेश और थोड़ा सब्र, दोनों मिलकर बड़ा फायदा दिला सकते हैं.
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