सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) को बंद कर सकती है. 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) पर भी फैसला हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस बार बजट में एसजीबी स्कीम के लिए नए आवंटन की संभावना बहुत कम है.

सोने की बढ़ती कीमत को देखते हुए यह फैसला संभव है. सीएनबीसी के लक्ष्मण रॉय ने बताया कि चालू वर्ष में 18 हजार 500 करोड़ रुपए के एसजीबी जारी करने की घोषणा की गई है. सरकार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर 2.5 फीसदी ब्याज का घाटा हो रहा है. ऐसे में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) के जारी रहने की संभावना नहीं है. Read More – 2025 Holiday Calendar : साल 2025 में पड़ेगी कुल 38 छुट्टियां, यहां देखें पूरी सूची …

लक्ष्मण रॉय ने बताया कि सरकार का मानना ​​है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी किए गए थे. लेकिन सोने की बढ़ती कीमतों और इस स्कीम पर ब्याज खर्च के कारण सरकार इस स्कीम को बंद कर सकती है.

सोने के आयात को कम करने के उद्देश्य से शुरू हुआ

भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2015 में भौतिक सोने का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) स्कीम शुरू की थी. इस स्कीम का उद्देश्य भी गोल्ड की मांग को कम करना (Sovereign Gold Bond Scheme) और आयात पर अंकुश लगाना था. Read More – New Year 2025 : नए साल के पहले दिन करें ये 5 काम, पूरे साल बनी रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा …

निवेश सीमा: अधिकतम 4 किलो सोने में कर सकते हैं निवेश

एसजीबी के जरिए एक व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलो सोने में निवेश कर सकता है. संयुक्त होल्डिंग के मामले में 4 किलो की निवेश सीमा केवल पहले आवेदक पर लागू होगी. ट्रस्ट के लिए अधिकतम खरीद सीमा 20 किलो है.