लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओपी राजभर और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव से गठबंधन खत्म कर दिया है. इसके लिए समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव और ओम प्रकाश राजभर को पत्र जारी करके कहा कि जहां ज्यादा सम्मान मिले वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं.

समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल को चिट्ठी लिखकर जवाब दिया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर आपको लगता है कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो आप वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं. बता दें कि शिवपाल यादव ने अखिलेश पर सम्मान ना देने का लगाया था. जिस पर अखिलेश यादव ने चाचा को पत्र लिखकर जवाब दिया है.

शिवपाल और राजभर को अखिलेश की चिट्ठी

राजभर का अखिलेश पर आरोप

वहीं अखिलेश यादव के इस कदम के बाद ओमप्रकाश राजभर ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि- ओमप्रकाश राजभर पिछड़ों के हक की बात करता है और ये बात उनको रास नहीं आती. राजभर ने पिछले चुनावों में अखिलेश यादव पर उनकी हर बातों को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि जब चुनाव के समय मैनें टिकट बटवारे की बात की तो मेरी हर बातों को नजरअंदाज किया गया.

भाजपा ने ली चुटकी

दूसरी ओर पार्टी में मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी ने भी इस पर चुटकी लेना शुरू कर दिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने ट्वीट करते हुए निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि- अखिलेश यादव जी का यह कदम बहुप्रतीक्षित था. अखिलेश जी कभी गठबंधन धर्म नहीं निभाते.

राहुल गांधी जी, मायावती जी, शिवपाल जी, राजभर जी और केशव देव मौर्य सब को धोखा दिया.

कोई ऐसा सगा नहीं, जिसे हमने ठगा नहीं. – सूत्र वाक्य

सपा का मूल चरित्र यही है- राकेश त्रिपाठी

वहीं बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि सपा का मूल चरित्र ऐसा ही रहा है. जिसका भी हाथ पकड़ा उसका हाथ झटक भी दिया है. पहले कांग्रेस फिर बसपा और अब शिवपाल और राजभर. जिसने अपने पिता को गच्चा दिया हो वह अपने सहयोगियों के साथ कैसे रह सकता है?

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