बिलासपुर. भारत में हर साल सड़क हादसे में लगभग डेढ़ लाख लोगों की मृत्यु होती है, जिसमें विशेष अन्य कारण के अलावा घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा न मिल पाना भी एक होती है. इस स्थिति का संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने सड़क दुर्घटना में घायलों को त्वरित चिकित्सा उपलब्ध कराने वाले व्यक्तियों को “गुड सेमीरिटर्न” अर्थात “नेक इंसान” की संज्ञा देते हुए इन्हें प्रोत्साहित एवं पुरस्कृत करने कहा है.

आज बिलासपुर जिले के 7 “गुड सेमीरिटर्नओं” को पुलिस अधीक्षक कार्यालय बिलासपुर में पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के हाथों प्रशस्तिपत्र और मोमेंटो देकर पुरस्कृत किया गया. सम्मानित किए गए “गुड सेमीरिटर्न” में थाना- सीपत के दीपक पांडे, जिन्होंने होली के दिन दो पहिया वाहन से गिरने पर एक व्यक्ति को स्वयं 108 के माध्यम से अस्पताल दाखिल किया. इसी प्रकार आरती कश्यप ने फरहद चौक के पास ट्रक से एक शिक्षिका के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से घायल महिला को खून से लथपथ हालत में पहले सिम्स और फिर गंभीर स्थिति को देखते हुए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया, जिससे जान बच सकी.

ईश्वर यादव ने चकरभाठा बस्ती के पास घायल मोटरसाइकिल चालक को 112 बुलाकर अस्पताल भेजा. पायल लाथ ने एक सड़क दुर्घटना में घायल बुजुर्ग व्यक्ति को अपनी कार में लिटाकर अस्पताल भर्ती कराया और साहस का परिचय दिया. ग्राम रलिया, थाना सीपत अंतर्गत ट्रैक्टर से मोटरसाइकिल के दुर्घटना होने से घायल को 108 में शैल सिदार ने अस्पताल लाकर भर्ती कराया. इसी प्रकार मयंक त्रिवेदी ने थाना चकरभाठा अंतर्गत ग्राम सेवार तालाब के पास मोटरसाइकिल से घायल होने पर घायल को 112 के माध्यम से अस्पताल भेजने में मदद की.

इस अवसर एसपी बिलासपुर ने कहा, घायलों की मदद करने वालों के सम्मान से आम लोग भी प्रेरणा लेंगे. दुर्भाग्यवश दुर्घटना हो जाने की स्थिति में हमेशा घायल को तत्काल अस्पताल ले जाने में महती भूमिका निभाएं. कार्यक्रम में यातायात बिलासपुर के डीएसपी संजय साहू, सब इंस्पेक्टर उमाशंकर पांडे, आरक्षक रोशन व भुवनेश्वर मरावी भी उपस्थित थे.