लखनऊ. समाजवादी पार्टी लगातार अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर सत्ता के साथ आंख से आंख मिलाकर अपनी आवाज बुलंद कर रही है. हाल ही में अभी रामजीलाल सुमन पर करणी सेना की ओर से किया गया मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता एसटी हसन ने योगी सरकार पर ईद की नमाज के बहाने ही मुसलमानों के हक को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. हसन ने कहा है कि अगर जगराता और कलश यात्रा सड़कों पर हो सकते हैं तो नमाज क्यों नहीं?

पूर्व सांसद ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार में अल्पसंख्यको और पिछड़ों और दलितों पर अत्याचार हो रहा है. राज्यसभा सांसद रामजीलाल पर हुए हमले को भी हसन ने सत्ता संरक्षित करार दिया है.

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सड़क पर नमाज ना पढ़ने के निर्देश

बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़कों पर नमाज ना पढ़ने का निर्देश जारी किया था. उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देशित करते हुए इस बात को सुनिश्चित करने को कहा था. इसके बाद कुछ मौलानाओं ने इसका विरोध भी किया. हालांकि मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि ईद की नमाज सड़क पर ना पढ़े. ईद की नमाज ईदगाह में ही अदा करें.

राणा सांगा मामले में क्या है सपा का स्टैंड

वहीं राणा सांगा मामले को लेकर बता दें कि इसे लेकर समाजवादी पार्टी अपन सांसद रामजीलाल सुमन के साथ खड़ी हुई है. इस मामले पर अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करणी सेना पर जमकर हमला बोला. सपा प्रमुख ने करणी सेना को हाथरस जैसे जघन्य कांड के आरोपियों के समर्थक बताते हुए कहा था कि ये किसी भी संगठन या सेना में नहीं हो सकते. अखिलेश ने करनी सेना को असामाजिक तत्व कह दिया और नकारात्मक सोच के लोगों को किसी भी तरह की पनाह न देने की बात कही. सपा प्रमुख ने करणी सेना को समाज की छवि के लिए घातक बताया.