लखनऊ. लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद अब समाजवादी पार्टी एक्शन मोड में दिखाई दे रही है. सपा अपने सात बागी विधायकों की सदस्यता खारिज करवाएगी. विधानसभा अध्यक्ष के सामने जल्द ही याचिका दाखिल होने वाली है. विधायकी गई तो इन सीटों पर भी उपचुनाव होगा.

समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को वोट देने वाले और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मंच पर मौजूद रहे और बीजेपी का प्रचार करने वाले अपने विधायकों के बकायदा वीडियो और ऑडियो सहित सबूत जुटाए हैं. सपा के सात विधायक हैं, जिनकी सदस्यता जा सकती है. इस सूची में मनोज पांडेय, राकेश सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल, आशुतोष के नाम शामिल हैं.

पल्लवी पटेल की भी जा सकती है सदस्यता

वहीं पल्लवी पटेल को लेकर निर्णय अभी नहीं हुआ है. तकनीकी रूप से अगर सपा उनके खिलाफ याचिका देती है तो पल्लवी की भी विधायकी जाएगी क्योंकि वो दूसरी पार्टी के मंच से प्रचार कर रही थी. ओवैसी के साथ भी कई मंच साझा किए. अब इन विधायकों की किस्मत का फैसला स्पीकर सतीश महाना के हाथ में है. अगर इन सबकी विधायकी गई तो उपचुनाव होंगे. इन सबके इलाके में बीजेपी हार गई है. इसलिए बीजेपी में फिलहाल इनकी स्थिति कमजोर हो गई है.

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राज्यसभा चुनाव में भाजपा को दिया था सर्मथन

बता दें कि उत्तर प्रदेश की दस सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में सपा को अपने ही विधायकों से झटका लगा था. सपा के 7 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी उम्मीदवारों को समर्थन दे दिया था. वहीं एक विधायक वोटिंग नहीं की थी. जिसका नुकसान भी सपा को हुआ था. इन्हीं 7 विधायकों में एक राकेश प्रताप सिंह ने क्रॉस वोटिंग करने के बाद कहा था कि सपा ने जिन तीन प्रत्याशियों को उतारा है, वो हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं.

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