रायपुर- विधानसभा के डॉ श्यामा प्रसाद मुकर्जी प्रेक्षागृह में बीते शाम आयोजित उत्कृष्टता अलंकरण समारोह और सदस्यों के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि की आसदी से संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल बेहद भावुक हो गये और रो पड़े.विधानसभा में मिले स्नेह की तारीफ करते हुए उनकी आंखें भर आई.उन्होनें अपने कार्यकाल को यादगार बताते हुए सदस्यों से कहा कि स्पीकर के रुप में कभी भी उन्होनें जाने अनजाने में किसी भी सदस्य के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाया हो,तो वे इसके लिये दिल से क्षमा चाहतें हैं और इतना कहते ही स्पीकर की आंखों से आंसू की धार निकलने लगी.स्पीकर के भावुक होने पर समारोह में मौजूद कई गणमान्य लोग भी अपने आंसू नहीं रोक सके.
विधानसभा अध्यक्ष के रुप में अपने अनुभव का जिक्र करते हुए गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की चतुर्थ विधान सभा संसदीय मूल्यों के संरक्षण और परंपराओं के परिपालन में एक आदर्श प्रस्तुत करने में सफल रही है. उन्होंने कहा कि – चतुर्थ विधान सभा में पक्ष-विपक्ष के भावों से सदन ऊपर रहा है न केवल प्रतिपक्ष के अपितु पक्ष के कई माननीय सदस्यों ने कतिपय अवसरों पर जिस संजीदगी से सरकार के कार्यों की समीक्षा, आलोचना की और सुझाव दिए वे सभी बिन्दु भविष्य के लिए नजीर होंगे.
विधानसभा के देवानंद हैं सत्यनारायण शर्मा- डॉ रमन सिंह
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है,जहां जनकल्याणकारी नीतियों पर मुहर लगती है.उन्होनें कहा कि चतुर्थ विधानसभा के इस अंतिम पड़ाव पर ऐसा लग रहा है कि जैसे यह विधानसभा का पहला सत्र हो.अभी लग रहा है कि चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे हैं. सीएम ने नेता प्रतिपक्ष टीेेेएस सिंहदेव की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सौम्यता,व्यवहार और पक्ष-विपक्ष के बीच सामंजस्य बनाने के तरीके का मैं कायल हो गया हूं. उन्होंने कहा कि सिंहदेव ने राज्य के विकास के लिये दलीय मतभेदों से ऊपर उठकर अपना योगदान दिया है. मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी फिर से जीतकर विधानसभा में पहुंचें.
मुख्यमंत्री ने उत्कृष्टता अलंकरण सम्मान से नवाजे गये विधायकों और पत्रकारों को बधाई दी और इनके कार्यशैली की सराहना की. वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा को सर्वाधिक जागरूक विधायक का सम्मान मिलने पर मुख्यमंत्री ने बधाई दी और कहा कि वे विधानसभा के देवानंद हैं और सदन में उनकी सक्रियता हमेशा सभी सदस्यों को उर्जा प्रदान करती है और सदन को उनके लंबे अनुभव का लाभ मिलता है.
शुक्र है 14 वां मंत्री होने का नहीं मिला तमगा- सिंहदेव
नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने अपने उद्बोधन में कहा कि – विधान सभा में अध्यक्ष का पद अत्यंत कठिन होता है लेकिन विधान सभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने अत्यंत परिपक्वता एवं जिम्मेदारी के साथ दोनों पक्षों को साथ लेकर बेहतरीन भूमिका का निर्वहन किया.उन्होंने कहा कि जब मुझे यह जिम्मेदारी दी गई,तो लगा कि 15 सत्र कैसे पार कर पायेंगे.उन्होनें कहा कि सदन में जनहित के मुद्दों पर दलीय मतभेद से उपर उठकर समय-समय पर उन्होनें सरकार का सहयोग किया,लेकिन शुक्र है कि पांच सालों में कभी 14 वें मंत्री का तमगा नहीं लग पाया.