खगड़िया. लोगों को अंग्रेजी आना या उसकी समझ होना भले ही एक एडवांटेज माना जाता हो लेकिन बिहार के एक नौजवान को पुलिसवाले के सामने अंग्रेजी बोलना काफी महंगा पड़ गया.
दरअसल, 12हवीं में पढ़ने वाला अभिषेक जिले के चौथम थाने में अपने मामा से मिलने पहुंचा था. उसके मामा को पुलिस ने एक बाइक चोरी के मामले में थाने में बिठा रखा था. अभिषेक ने जब पुलिस थाने के प्रभारी मुकेश कुमार से अपने मामा को जबरन थाने में बिठाए रखने के बारे में पूछताछ अंग्रेजी में की, तो थाना प्रभारी मुकेश कुमार उसके अंग्रेजी बोलने से इतने खफा हुए कि उन्होंने तुरंत अभिषेक को हवालात में डाल दिया और जमकर पिटाई की.
थाना प्रभारी युवक के अंग्रेजी बोलने से इस कदर खफा थे कि उन्होंने पीड़ित अभिषेक को तीन दिन तक हवालात में बंद रखा. उसके बाद काफी मिन्नतें करने के बाद उसको निजी मुचलके पर छोड़ा. पीड़ित की मां ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी ने अभिषेक को छोड़ने के एवज में 50,000 रुपये लिए तब कहीं जाकर उसे छोड़ा.
अभिषेक ने आरोप लगाया कि उसे थाना प्रभारी मुकेश कुमार और दरोगा श्याम मूरत सिंह ने तीन दिन तक जमकर पीटा. नौजवान को किस कदर पुलिस ने पीटा, इसको सिर्फ इस बात से समझ सकते हैं कि पीड़ित छात्र का इलाज अस्पताल में चल रहा है. अभिषेक शहर के प्रतिष्ठित सेंट जोसेफ स्कूल का छात्र है. वैसे जब घटना की जानकारी मीडिया के जरिए एसपी को हुई तो उन्होंने तुरंत थाना प्रभारी औऱ दरोगा को सस्पेंड कर दिया.
अगर आप भी अगली बार किसी पुलिस थाने जा रहे हैं तो जरा सोच-समझकर जाइएगा औऱ बोलते समय तो खास ध्यान दीजिएगा. पता नहीं दरोगा जी को कब आपकी अंग्रेजी से दिक्कत हो जाए औऱ आपकी ठुकाई कर दें.