फीचर स्टोरी। पिछले साल की बात है, अलीना नाम की एक छोटी बच्ची अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना कर रही थी. महासमुंद के ग्राम तेन्दुवाही के आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों में वह सबसे कमजोर थी और किसी भी काम या खेल में जल्द थक जाती थी. थकान ने उसे स्वाभाविक जीवन से दूर कर दिया था. उसकी सेहत भी धीरे-धीरे खराब हो रही थी, जिससे परिवार में भी तनाव बढ़ रहा था.

अभिभावकों ने अलीना का कई जगह इलाज कराया, लेकिन उसके स्वास्थ्य में सुधार नहीं आया. एक दिन चिरायु टीम ग्राम तेन्दुवाही के आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करने पहुंची. इससे नन्हीं अलीना का जीवन ही बदल गया. आज वह स्वस्थ है और थकान भरे जीवन से मुक्ति पा चुकी है.

परीक्षण के बाद टीम ने संभावना व्यक्त किया कि बालिका अलीना पटेल हृदय रोग से पीड़ित हो सकती है. बालिका अलीना के माता-पिता से चर्चा में उन्हें पता चला कि, बच्ची जन्म से ही अत्यंत दुर्बल है. वह खेलने, चलने में थोड़े समय पर ही थक जाती है. खान-पान में भी अरूचि दिखाती है. अलीना का शारीरिक विकास भी अन्य बच्चों की तुलना में बहुत कम पाया गया.

चिरायु टीम द्वारा अलीना को जिला अस्पताल महासमुन्द लाकर नये सिरे से स्वास्थ्य की गहन जांच की गई. जांच में पाया गया कि वह हृदय रोग से पीड़ित है और उसकी तुरंत सर्जरी किया जाना जरूरी है, इससे बच्ची के माता-पिता घबरा गए.

चिरायु टीम ने बच्ची अलीना के माता-पिता को चिरायु योजना एवं निःशुल्क सर्जरी के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बच्ची को ऑपरेशन के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया.

विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा अलीना की सफल सर्जरी की गई. उसकी सेहत बहुत सुधर गई और अब वह बच्चों के साथ खेल भी सकती है. उसके परिवार में खुशियां वापस आ गई और उसके चेहरे पर मुस्कान फिर से लौट आई.

चिरायु योजना ने अलीना को नया जीवन दिया. अलीना के माता पिता ने सहयोग और बेहतर इलाज के लिए राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि चिरायु योजना से मेरी बेटी को नई जिंदगी मिली है.

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