राजधानी दिल्ली में भीषण गर्मी के चलते राम मनोहर लोहिया अस्पताल  में हीटस्ट्रोक के मरीजों के प्रभावी इलाज के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. गंभीर हालत में आने वाले हीटस्ट्रोक के मरीजों के लिए अस्पताल में बर्फ से भरे इन्फ्लेटेबल बाथ टब भी लगाए गए हैं.

RML अस्पताल में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की हेड डॉ. सीमा बालकृष्ण वासनिक ने कहा, “आरएमएल अस्पताल में, अगर कोई मरीज (हीटस्ट्रोक का) गंभीर स्थिति में आता है, तो उसे रेड जोन में ले जाया जाता है, इंट्यूबेट किया जाता है, हमारे पास इन्फ्लेटेबल टब हैं. हम मरीज को वेंटिलेटर पर रख सकते हैं और बर्फ और ठंडे पानी से भरे बाथटब में भी रख सकते हैं और साथ ही तापमान को कम कर सकते हैं.”

शीघ्र इलाज के महत्व पर जोर देते हुए डॉ. वासनिक ने कहा, “हीटस्ट्रोक का इलाज जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए; वरना मृत्यु दर 80 % तक बढ़ जाती है और यदि हम रोगी का समय पर इलाज कर लें, तो मृत्यु दर 10 % तक कम हो सकती है.”

देशभर में 41 स्थानों पर 45 डिग्री के पार तापमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि 30 मई को देशभर में 41 स्थानों पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो गया. दिल्ली के सफदरजंग में 45.6 डिग्री सेल्सियस, पालम में 46.4 डिग्री सेल्सियस, रिज एरिया में 46.7 डिग्री सेल्सियस और आयानगर में 47.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया.

IMD ने बुधवार को कहा कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में व्याप्त भीषण गर्मी की स्थिति 30 मई से धीरे-धीरे कम होने की संभावना है. 30 और 31 मई को गोवा और कोंकण के अलग-अलग हिस्सों में मौसम गर्म और आद्र रहने की संभावना है.

IMD के आंकड़ों के अनुसार, 28 मई को दिल्ली , पंजाब और हरियाणा, चंडीगढ़ में कुछ स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से काफी अधिक रहा. इससे पहले, IMD ने स्पष्ट किया कि बुधवार को दिल्ली में दर्ज किया गया 52 डिग्री सेल्सियस से अधिक का अधिकतम तापमान “सेंसर या स्थानीय कारक में त्रुटि” के कारण था. आईएमडी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि वह डेटा और सेंसर की जांच कर रहा है.

दिल्ली में शहर के विभिन्न हिस्सों में अधिकतम तापमान 45.2 डिग्री सेल्सियस से 49.1 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, मुंगेशपुर में 52.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. यह सेंसर या स्थानीय कारक में त्रुटि के कारण हो सकता है. IMD डेटा और सेंसर की जांच कर रहा है.