जयंती विशेष- भारतरत्न स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की जयंती के अवसर पर सम्पूर्ण राष्ट्र आज नमन कर स्मरण कर रहा है. सरलता, सादगी और सहृदयता के प्रतिमूर्ति स्वर्गीय राजीव गांधी जी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ. उनके जीवन में उनकी माता स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के व्यक्तित्व का बहुत प्रभाव रहा. प्रतिष्ठित सम्पन्न परिवार में जन्म लेने के बावजूद उनकी सहजता ही उन्हें दूसरों से अलग बनाती थी. 21 मई 1991 को तमिलनाडू में श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी आम सभा को सम्बोधित करते समय आतंकी घटना में उनका निधन मात्र 47वर्ष की उम्र में हो गया.
वर्ष 1982 में स्व. राजीव गांधी जी ने कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया और तब से लेकर अपनी अंतिम सांसों तक वे कांग्रेस और देश की सेवा करते रहे, उन्होंने अपने विचारों और कार्यों से देश के विकास को एक नई ऊचाईयां दी. भारत को 21वीं सदी में आधुनिक विश्व के अनुरूप पहुंचाने का श्रेय श्रद्धेय स्व. राजीव गांधी जी को ही जाता है. स्व. राजीव गांधी जी का देश को दिया गया योगदान इसे शब्दों में समेट पाना असम्भव है, क्योंकि उनकी दूरदृष्टि और विचारों की व्यापकता इतनी विशाल है कि उसको एक अवसर पर कह पाना अथवा बता पाना मैं समझता हूं, एक सामान्य व्यक्ति के लिए नामुमकिन ही है.
देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती स्व. राजीव गांधी जी की त्रिस्तरीय पंचायती राज शासन व्यवस्था का ही यह सुखद परिणाम है कि देश के हर नागरिक में एक राजनैतिक सोच को आज हम देख पा रहें है. आज देेश का हर नागरिक अपने महत्व को समझ पा रहा है और जब व्यक्ति अपना महत्व समझ पाता है, तभी वह महत्वपूर्ण कार्याें को पूर्ण कर पाता है, स्व. राजीव गांधी जी की उदार व्यापक सोच ने ही हमें त्रिस्तरीय पंचायती राज का अधिकार दिलाया.
भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी ने देश की शिक्षा व्यवस्था को अपने प्रयासों से आधुनिक और उन्नत स्वरूप प्रदान किया वर्ष 1986 में शिक्षा पर राष्ट्रीय नीति के पहल का श्रेय भी स्व. राजीव गांधी जी को ही जाता है. जवाहर नवोदय आवासीय विद्यालय की स्थापना का अभूतपूर्व संकल्प स्व. राजीव गांधी जी का ही था, जिसका उद्देश्य 6 से 12 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा प्रदान कराना था.
समाज में युवाओं की भूमिकाओं को रेखांकित करते हुए स्व. राजीव गांधी जी ने संविधान के 61वें संशोधन के माध्यम से वर्ष 1989 में मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18वर्ष करने का निर्णय लिया उनका यह साहसिक कदम देश के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सौगात थी.
यह उल्लेखनीय है कि स्व. राजीव गांधी जी स्वतंत्र भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे. वर्ष 1984 में अपने प्रधानमंत्री निर्वाचित होते ही देश के लिए उन्होंने माइक्रो कम्प्यूटर पाॅलिसी की नींव रखी, आज जिस डिजिटल इंडिया की भव्य इमारत पर जो लोग अपना अधिकार जताते हैं, उनसे मेरा अनुरोध है कि इस इमारत की बुनियाद पर भी थोड़ा गौर करें.
स्व. राजीव गांधी जी ने देश ही नहीं अपितु विश्व की शांति और संदभाव के लिए जीवन पर्यन्त कार्य किया. पड़ोसी देश श्रीलंका में शांति सेना के माध्यम से प्रधानमंत्री रहते हुए, सैन्य सहयोग प्रदान किया. अपने शांति प्रयासों के कारण ही तमिल विद्रोहियों ने उन्हें अपना दुश्मन मान लिया. इसी के कारण एक आतंकवादी घटना में अपने शांति के प्रयासों को पूर्ण करने के लिए स्व. राजीव गांधी जी शहीद हो गए.
स्व. राजीव गांधी जी ने कांग्रेस की गौरवशाली परम्परा को न केवल आगे बढ़ाया बल्कि अपनी सोच से उसे शीर्ष तक पहुंचाया. उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी जी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का चुनौतीपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक किया. राष्ट्रीय एकता और अखण्डता को अपने प्रयासों से मजबूती प्रदान की देश के आर्थिक और सामाजिक स्तर से पिछडे़ लोगों के लिए किए गए उनके कार्यों के प्रति यह देश सदैव उनका ऋणी रहेगा.