छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था और 1 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना को 24 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं इन 24 वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य ने विकास के जो आयाम हासिल किए हैं, उनको देखते हुए हम यह कह सकते हैं कि विकास की इस यात्रा के फलस्वरुप हम न केवल इस यात्रा में अपने पूर्ववर्ती प्रदेश मध्य प्रदेश के समकक्ष खड़े हैं बल्कि अन्य विकसित प्रदेशों से भी पीछे नहीं है और इस विकास के पीछे सरकारों का स्थायित्व और छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में उनकी सकारात्मक सोच होना महत्वपूर्ण कारण रहा है.

1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ की जनसंख्या 2 करोड़ 8 लाख 33 हजार 803 थी और वर्तमान में अनुमानित जनसंख्या 3 करोड़ 5 लाख 24 हजार है. इन 24 वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य ने जो प्रगति की है उससे यह स्पष्ट हो गया है कि छोटे राज्यों की अवधारणा सफल सिद्ध हुई है. छोटा राज्य होने से न सरकार की पहुंच जनता तक आसानी से हो जाती है वहीं जनता भी सरकार तक आसानी से पहुंच जाती है. इस कारण से न केवल उनकी समस्याओं का समाधान होता है वरन विकास के कार्यों में जो दिक्कतें आती हैं उनका भी समाधान शीघ्र हो जाता है जिसके कारण विकास की गति में काफी तेजी आ जाती है. आज कोई भी क्षेत्र हो हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में विकास हो रहा है. राज्य की स्थापना के बाद प्रशासनिक तंत्र को भी सुदृढ़ और सुगम बनाने की दृष्टि से जिलों की संख्या में भी आवश्यकता अनुसार वृद्धि की गई है फलस्वरुप वर्तमान में 33 जिले हैं. नए जिलों के गठन से जनता की प्रशासन तक पहुंच सुगम हो गई है.

राज्य निर्माण के बाद प्रदेश में रेल एवं हवाई सेवाओं में भी काफी विस्तार हुआ है. राज्य निर्माण के समय जहां केवल एयर इंडिया की एकमात्र उड़ान दिल्ली के लिए संचालित होती थी वहीं 24 साल में लगभग 20 शहरों के लिए हवाई सुविधा उपलब्ध है. रायपुर में औसतन प्रतिदिन 50 उड़ानें संचालित हो रही हैं. रायपुर के एयरपोर्ट की भी जहां नई बिल्डिंग बन गई है वहीं उसका विस्तारीकरण कर अंतर्राष्‍ट्रीय उड़ान संचालित करने की कार्यवाही भी प्रचलित है.

राज्य निर्माण के समय जहां केवल एक एयरपोर्ट रायपुर में था वहीं अब जगदलपुर और बिलासपुर भी हवाई कनेक्टिविटी से जुड़ गए हैं और अंबिकापुर में भी हवाई सेवा प्रारंभ करने की कार्यवाही जारी है. वहीं दूसरी ओर रेल सेवा में भी प्रदेश ने काफी तरक्की की है. कई जगहों पर तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण चल रहा है, इससे रेल यातायात में काफी वृद्धि होगी. साथ ही नये रेल मार्गो के निर्माण की दिशा में भी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे है. इससे ऐसे क्षेत्र जहां अभी तक रेल सेवा नहीं है, वे भी रेल नेटवर्क से सीधे जुड़ सकेंगे.

यदि छत्तीसगढ़ प्रदेश के बजट की बात की जाए तो जहां 2000-2001 में 1 नवंबर 2000 से 31 मार्च 2001 की 5 माह की अवधि में छत्तीसगढ़ का बजट प्रथम अनुपूरक की राशि मिलाकर 3609 करोड़ 18 लाख 2166 था और 2001-2002 का कुल बजट 9242 करोड़ 42 लाख 64519 था, वहीं 2024-25 का बजट 1,60,568 करोड़ 06 लाख 19 हजार का प्रस्तुत किया गया है और उसमें यदि प्रथम अनुपूरक की राशि 7329 करोड़ 35 लाख 62 हजार 700 मिला दी जाए तो कुल बजट की राशि 1,67,897 करोड़ 41 लाख 81700 होती है और अभी द्वितीय और तृतीय अनुपूरक बजट आना शेष है इसीलिए हम कह सकते हैं कि इन 24 वर्षों में छत्तीसगढ़ के बजट के आकार में लगभग 20 गुना वृद्धि हुई है जो अपने आप में छत्तीसगढ़ के विकास की गाथा को प्रमाणित करता है. इसके अलावा 2000-2001 में जहां प्रति व्यक्ति आय 10125 रूपये थी, वह बढ़कर 2023-24 में 1,47,361 रूपये हो गई है. इस प्रकार प्रति व्यक्ति आय में भी लगभग 15 गुना वृद्धि हुई है जो यह दिखाता है कि छत्तीसगढ़ की आम जनता की आर्थिक स्थिति पहले से कितनी बेहतर हुई है.

अब यदि बात करें छत्तीसगढ़ में शिक्षा के स्तर की तो जहां छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पूर्व छत्तीसगढ़ में जहाँ केवल दो विश्वविद्यालय थे जो अब बढ़कर 9 हो गए हैं और इसके अलावा 15 निजी विश्वविद्यालय भी खुल गए हैं जिससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को उच्च शिक्षा की बेहतर सुविधाएं मुहैया हुई हैं और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी जहां अविभाजित मध्य प्रदेश के समय मात्र एक मेडिकल कॉलेज था जो अब बढ़कर 10 हो गए हैं और निजी क्षेत्र में भी तीन मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं जिससे चिकित्सा की कमी को दूर करने में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल हुई है.

खेल के क्षेत्र में भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण ने जहाँ छत्तीसगढ़ को वैश्विक पहचान दी है वही हॉकी में भी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ.

नक्सल समस्या के निराकरण की दिशा में भी सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं जिसके परिणाम भी दिख रहे हैं. छत्तीसगढ़ राज्य के साथ ही उत्तराखंड और झारखंड की भी स्थापना हुई थी और हम यह कह सकते हैं कि इन तीनों राज्यों में छत्तीसगढ़ ने अपेक्षाकृत अधिक तरक्की की है. इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने अल्प समय में तेजी से विकास कर हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं और अपेक्षा है कि भविष्य में भी छत्तीसगढ़ के विकास की यह यात्रा अनवरत जारी रहेगी.

लेखक – चंद्रशेखर गंगराड़े, पूर्व प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ विधानसभा