फीचर स्टोरी। राम के घर में बरकत बरस रही है. रीपा से राम की जिंदगानी बदल गई. बढ़ई गुड़ी से लाखों की आमदनी हो रही है. सोफा, दीवान, कुर्सी और टेबल बनाकर मोटी कमाई कर रहे हैं. भूपेश सरकार की योजना रीपा से राम के साथ समूह की महिलाओं की किस्मत भी चमक रही है. ये कहानी कहीं और नहीं बल्कि, राजधानी रायपुर के अभनपुर की है, जहां के डहरूराम साहू ने सरकार की योजना के तहत अपने साथ कई लोगों की तकदीर लिख दी है. हर महीने 40 हजार और साल में करीब 5 लाख की कमाई कर रहे हैं. रीपा ने ग्रामीणों को सफल उद्यमी बनाया है.
नए अवसर सृजन और लघु उद्यमों को बढ़ावा
दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा रोजगार के नए अवसर सृजन और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) की शुरूआत की गई है, जिससे गांव में ही ग्रामीणों द्वारा उद्यमिता से जुड़े विभिन्न कार्यों का संचालन किया जा रहा है.
विकासखंड में 2-2 रीपा की स्थापना
रायपुर जिले में प्रत्येक विकासखंड में 2-2 रीपा की स्थापना की गई है. जहां लघु उद्यम के रूप में गतिविधियों के संचालन की शुरुआत की गई. जिले के अभनपुर विकासखण्ड अंतर्गत जवईबांधा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में जय जवई दाई स्व सहायता समूह, बढ़ई गुड़ी का संचालन कर रहा है.
सफल उद्यमी बनने की ओर कदम
यहां गांव के युवा उद्यमी लकड़ी से विभिन्न उत्पाद बना रहे है जिनकी आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक की जा रही है. इस योजना से ग्रामीण स्व सहायता समूह आर्थिक लाभ अर्जित कर सफल उद्यमी बनने की ओर कदम बढ़ा रहे है.
बढ़ई गुड़ी में अपने काम की शुरुआत
समूह के अध्यक्ष डहरूराम साहू बताते है कि उनके समूह में 3 लोग काम करते हैं. जिला प्रशासन के सहयोग से उन्होंने रीपा में बढ़ई गुड़ी में अपने काम की शुरुआत की है. साथ ही औद्योगिक पार्क में प्रशासन द्वारा डेढ़ लाख रुपये की मल्टीपरपस थिकनेस प्लेनर मशीन भी लगाई गई है, जिससे काम के बहुत सहयोग मिलता है.
छत्तीसगढ़ शासन की योजना की सराहना
हाथ के उपकरण और औजारों से काम करने पर समय अधिक लगता था, लेकिन अब इस मशीन के सहयोग से वक्त बच रहा है. कम समय में ही लकड़ी को अच्छी फिनिशिंग भी दे पा रहे हैं. डहरू राम ने छत्तीसगढ़ शासन की योजना की सराहना करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता ही है, जो ग्रामीणों को उद्यमी बनाने का काम किया जा रहा है.
हर महीने लगभग 40 हजार रुपये की आमदनी
उन्होंने बताया कि बढ़ई गुड़ी में उनका समूह सोफा, दीवान, कुर्सी, टेबल, जैसे उत्पादों का निर्माण कार्य करता हैं, जिसे गांव के साथ साथ शहरों में भी बेचा जा रहा है. साथ ही फील्ड में भी उनका समूह कार्य करता है जिसमे मॉड्यूलर किचन, खिड़की, दरवाजे आदि का कार्य वह कर रहें हैं. मार्च 2023 से उन्होंने रीपा में अपने काम की शुरुआत की और हर महीने लगभग 40 हजार रुपये की आमदनी समूह को हो रही है.
गौठानों को रीपा के रूप में किया जा रहा विकसित
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने ग्रामीण जनजीवन पर आधारित रोजगार को बढ़ावा देने और ग्रामीण अंचल में हर हाथ को काम उपलब्ध कराने रीपा की शुरूआत की है. योजना के तहत गांव में ही स्थित बड़ी अधोसंरचना वाले गौठानों को रीपा के रूप में विकसित किया जा रहा है.
पारंपरिक व्यवसाय कर जीवनयापन
यहां पारंपरिक व्यवसाय कर जीवनयापन करने वाले लोहार, बढ़ई, ढीमर, कुम्हार आदि को जगह उपलब्ध कराया गया है. साथ ही आजीविका मूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. यह नवाचार को ग्रामीणों के लिए स्थायी रोजगार सृजन करने की दिशा में सशक्त कदम है, जिससे ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है और आर्थिक समृद्धि भी आ रही है.
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