फीचर. छत्तीसगढ़ वन संपदा से परिपूर्ण राज्य है. राज्य का करीब 43 फीसदी हिस्सा वन क्षेत्र है. वनाच्छदित प्रदेश में अनेक प्रकार की औषधियां भी है. कई तोर दुर्लभ किस्म की भी हैं. राज्य में राज्य सरकार इसे संरक्षित और संवर्धित करने की दिशा में काम भी कर रही है. कई जगहों पर औषधि की खेती भी की जा रही है. सरकार की ओर से अनेक क्षेत्रों में औषधि वृक्षों का रोपण भी किया गया है. वहीं आम लोगों को औषधि वृक्षों का हर साल बड़े पैमाने पर वितरण भी किया जाता है.

दरअसल छत्तीसगढ़ को सरकार एक हर्बल स्टेट के रूप में विकसित करना चाहती है. इसी दिशा में सरकार अनेक स्तरों पर काम भी कर रही है. राज्य में हर्बल कारोबार को बढ़ावा देने का काम बीते 3 वर्षों में भरपूर हुआ. हर्बल्स के व्यापार में राज्य सरकार ने अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर छलांग लगा दी है. ऐसा संभव इसलिए भी हो पाया है क्योंकि राज्य में अब 52 वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर होती है. भूपेश सरकार के आने से पहले तक सिर्फ 7 वनपोज की ही खरीदी समर्थन मूल्य पर होती थी. इससे हुआ यह कि जंगल में निवास करने वाले ज्यादातर आदिवासियों को जहाँ इससे बड़े पैमाने पर रोजगार मिला तो, वहीं उनकी आर्थिक प्रगति भी हुई.

राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य के साथ देश और विदेश में हर्बल का व्यापार काफी फूल-फल रहा है. आज राज्य के उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल रहा है. और यह संभव हो सका है सरकार राज्य सरकार की नीतिगत फैसलों की वजह से. सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2021-22 के प्रथम 9 माह में ही 4.34 करोड़ के उत्पादों की बिक्री हुई है.

सरकार ने वनोपज की खरीदी, संग्रहण, प्रसंस्करण और उसे बाजार तक ले जाने की जो व्यवस्था बनाई उससे छत्तीसगढ़ हर्बल्स का एक बड़ा मार्केट तैयार हो गया है. और इस मार्केट से आज गाँवों से लेकर शहरों तक में रोजगार का चैन भी तैयार हुआ है. इससे आय का साधन भी काफी बढ़ा है. आज छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड नेम से बेचे जाने वाले उत्पादों के व्यापार में हर साल दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि दर्ज की जा रही है.

  • राज्य में वर्ष 2019-20 के बीच में जहां सवा करोड़ रुपए मूल्य के छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पादों का व्यापार हुआ था.
  • वर्ष 2020-21 में दो करोड़ 15 लाख रुपए का व्यापार हुआ.
  • वर्ष 2021-22 के प्रथम 9 माह में 4 करोड़ 34 लाख रुपए मूल्य के हर्बल उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बिक्री हुई.

खास बात यह है कि हर्बल्स के इस कारोबार से ज्यादातर आदिवासी ही जुड़े हैं. आदिवासी महिलाओं की समूहों को ही काम दिया गया है. इससे आदिवासियों की जीविका न सिर्फ तैयार हुई, बल्कि उनका जीवन स्तर भी अब काफी ऊँचा उठता जा रहा है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ की एक इकाई हैं. राज्य के प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन जंगलो में और उसके आसपास रहने वाले व्यक्तियों, विशेषकर आदिवासियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ 52 लघु वनोपज खरीदता है और 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है. संघ ने उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिए राज्य के सभी प्रमुख जिलों में 30 संजीवनी केंद्र स्थापित किए हैं.

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ अनुसार वर्ष 2021-2022 के दौरान, छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियों को अपनाया और नई बिक्री तकनीकों को लागू किया गया. हर्बल उत्पादों के वितरण नेटवर्क के प्रबंधन के लिए एक निजी फर्म को काम पर रखने से नए क्षेत्र खुले हैं. अवनि आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड को मार्च 2021 में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अधिकृत वितरक के रूप में नियुक्त किया गया था. संजीवनी आउटलेट के प्रभावी प्रबंधन और उत्पादों की मजबूत आपूर्ति श्रृंखला ने उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित की. उत्पादों के संरचित विज्ञापन और प्रचार से संजीवनी केन्द्रो और उत्पादों की दृश्यता बढ़ी स प्रचार के लिए विभिन्न विपणन सामग्रियों का उपयोग किया गया. समाचार पत्र, होर्डिंग्स, सूचना पत्रक वितरण आदि समय-समय पर किए गए डीलर, सब-डीलर और रिटेलर्स के माध्यम से ओपन रिटेल मार्केट नेटवर्क में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रवेश से उत्पादों को बाजार और ग्राहकों तक पहुंचना आसान हो गया. धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख जिलों में डीलरों की नियुक्ति की गई है. वितरक द्वारा 9 माह में 15 डीलर नियुक्त किए गए.

अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार का व्यापक लाभ मिला. इसके साथ ही विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय स्तर की प्रदर्शनियों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपस्थिति ने विश्व स्तर पर उत्पादों की पहुंच का विस्तार किया. छत्तीसगढ़ हर्बल्स ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडसफूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में भाग लिया। सरकारी और निजी संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में समय पर प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं.

वहीं अब छत्तीसगढ़ हर्बल्स की ऑनलाइन मार्केटिंग भी की जा रही है. यह राज्य के तमाम उत्पाद अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन सेल प्लेटफॉर्म में मौजूद हैं.

इस कदम से छत्तीसगढ़ हर्बल्स के सेल्स को बढ़ावा मिला. ग्रामीण ई-स्टोर के सीएससी नेटवर्क के साथ समझौते ने ग्रामीण बाजार में भी छत्तीसगढ़ हर्बल ने प्रवेश की शुरुआत की.

वहीं छत्तीसगढ़ के अपने जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स -धन्वन्तरि में भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. संजीवनी आउटलेट के नवीनीकरण भी किया गया है. इसके साथ ही कई नए उत्पादों को भी जोड़ा गया है जिनमें- अनाज, मसाले, कुकीज, पर्सनल केयर आइटम आदि. ग्राहकों की सुविधा के लिए गिफ्ट हैंपर्स की प्रीमियम श्रृंखला भी बनायीं गयी और स्टोर्स में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी.

सरकार की यह पूरी कोशिश है कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ में राज्य हर्बल्सगढ़ भी कहलाए. और इस दिशा में तेजी से काम होता दिख भी रहा है. जिस तरह से राज्य में औषधि खेती को और वनोपज को बढ़ावा मिल रहा है, उससे राज्य वैश्विक स्तर अपनी उपस्थिति को दर्ज भी करा रहा है.