फीचर स्टोरी। कका हे त नइ हे चिंता. ये हम नहीं प्रदेश की बेटियां कह रही हैं, जिन्हें भूपेश बघेल सरकार ने खुशियों की सौगात दी है. गीरब तबके के बेटियों के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना किसी वरदान से कम नहीं है. 4,112 लड़कियों के चेहरे पर मुस्कान बिखरी है. बेटियों की पढ़ाई के लिए सरकार ने राशि जारी की है, जिससे प्रदेश की बेटियां भविष्य़ गढ़ रही हैं. भूपेश बघेल सरकार की योजनाओं के तहत बेटियों को पढ़ाने के लिए अब जमीन नहीं बेचनी पड़ेगी. सीएम बघेल की योजनाएं लड़कियों को सक्षम बना रही हैं.
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गरीब, किसान और श्रमिकों के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं संचालित की हैं, ताकि उनकी किसी ना किसी तरह से मदद हो सके. प्रदेश सरकार की इन्हीं योजनाओं में से एक है, श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना’, जिससे जिले के श्रमिक वर्ग लाभान्वित हो रहे हैं.
लोकेश्वरी को मिला योजना का लाभ
इस योजना का लाभ लेने वाली धमतरी शहर की पेशे से मजदूर लोकेश्वरी यादव बतातीं हैं कि पति की मृत्यु के बाद उन्हें ऐसा लगा मानो दुखों का पहाड़ गिर गया हो, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दृढ़ निश्चय कर बच्चों की परवरिश और पढ़ाई कराकर उन्हें आगे बढ़ाने की मन में ठान ली. किसी भी अभिभावक की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, बच्चों की अच्छी शिक्षा, उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना और जीवन में हर परिस्थिति का डटकर सामना कराना.
इन्हीं सब बातों को सोचते हुए लोकेश्वरी मेहनत-मजदूरी करने लगी थी कि अचानक उसे लोक सेवा केन्द्र से ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना’ की जानकारी मिली. लोकेश्वरी ने बिना देरी किए तत्काल आवश्यक दस्तावेजों के साथ योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया और उसका आवेदन पास हो गया.
बड़ी बेटी को पढ़ाने के लिए बेच दी जमीन
विभाग से मिले इन पैसों से लोकेश्वरी ने अपनी बेटी कुमारी साक्षी को बीकाॅम प्रथम वर्ष में दाखिला दिलाया. अब श्रमिक की बेटी सरकारी पैसे से शिक्षा प्राप्त कर रही है. लोकेश्वरी ने बताया कि इससे पहले वे अपनी बड़ी बेटी को नर्सिंग की पढ़ाई कराने जमीन का हिस्सा बेच डालीं. लोकेश्वरी ने यह भी बताया कि समाज कल्याण विभाग की ओर से उसे प्रतिमाह विधवा पेंशन भी दी जा रही है.
गरीब वर्ग की बेटियों को शिक्षित व सक्षम बनाने के लिए लोकेश्वरी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का हृदय से धन्यवाद कर रही है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत जिले में कुल चार हजार 112 आवेदन मिले तथा एक हजार 999 हितग्राहियों को कुल तीन करोड़ 99 लाख 80 हजार रूपये की सहायता प्रदान की गई है.
योजना का लाभ लेने के लिए ये दस्तावेज आवश्यक
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक श्रमिक को छत्तीसगढ़ का स्थाई निवासी और छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत होना अनिवार्य है. इस योजना का लाभ एक परिवार की केवल दो बेटियों को ही मिलेगा. योजना के माध्यम से राज्य के गरीब परिवार की बेटियों को बीस-बीस हजार रूपये की आर्थिक मदद दी जाती है, ताकि इस पैसे का इस्तेमाल बेटियों की पढ़ाई अथवा शादी में किया जा सके.
मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डलष् में पंजीकृत गरीब परिवार की दो बेटियों को उनके बैंक खातों में बीस-बीस हजार रुपये की राशि अंतरित की जाएगी.
मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के लाभ
इस योजना की मदद से छत्तीसगढ़ के गरीब परिवार की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में काफी मदद तो मिल ही रही है। साथ ही यह योजना से प्रदेश की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार साबित हो रही है. प्रदेश के ऐसे श्रमिक जिनका आय का कोई और जरिया नहीं है, वे भी इस योजना की मदद से अपनी बेटियों के पढ़ाई के सपने को पूरा कर सकेंगे.
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