फीचर स्टोरी। चिटफंड कंपनी ने खुशहाल जिंदगी को नर्क में धकेल दी थी. निवेशक कर्ज के बोझ तले दब गए थे, लेकिन भूपेश सरकार आई और अब उनकी झोली खुशियों से भर रही है. निवेशक शशि कहती हैं मुख्यमंत्री जी आपकी वजह से आज मुझे दूसरा जन्म मिल रहा है. मैं तो बेटी की पढ़ाई के लिए कर्ज में डूबी हुई थी. चिटफंड कंपनी के झांसे में आकर मैने 15 लाख रूपए गंवा दिए थे. आज आपकी वजह से मुझे 8 लाख 55 हजार रूपए वापस मिल गए हैं. मैं इन पैसों से अपना कर्ज उतार दूंगी और अब अपनी बेटी को निश्चिंत होकर पढ़ा सकूंगी. ये बातें आज धमतरी की रहने वाली शशि सोनी ने वर्चुअल मोड मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कही.

चिटफंड कंपनी में डूबे थे 14 लाख

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चिटफंड निवेशकों की राशि लौटाने के न्याय योजना के अंतर्गत आज अपने निवास कार्यालय से वर्चुअल मोड में हितग्राहियों से बात कर रहे थे. मुख्यमंत्री से बात करते हुए मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के रामचंद्र निषाद ने बताया कि उनके पिता ने अपने जीवन की पूरी कमाई 14 लाख रूपए चिटफंड कंपनी में निवेश कर दी थी.

CM के सामने बरसे खुशी के आंसू

उनके परिवार के पास कुछ नहीं बचा था, आज उनके खाते में 4 लाख 18 हजार रूपए वापस आए हैं. मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के रहन वाले रामनरेश पटेल ने मुख्यमंत्री से कहा कि आज जो पैसे उनके खाते में आए हैं, उन्हें देखकर मेरी आंखों में खुशी के आंसू हैं और मैं जीवन भर आपका आभारी रहूंगा.

CM बघेल के नेतृत्व में मिल रही डूबी राशि

चिटफंड कंपनियों के झांसे मे आकर अपनी पूरी कमाई गंवा चुके लाखों निवेशकों ने कभी नहीं सोचा था कि ये पैसे उन्हें वापस भी मिलेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच से न सिर्फ पीड़ितों को उनकी राशि वापस मिल रही है, बल्कि दोषियों पर लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. ये कहानी सिर्फ शशि सोनी या फिर रामनरेश की ही नहीं है, बल्कि इस फर्जीवाड़े में पीड़ित के तौर पर शासकीय कर्मचारी और पढ़े लिखे अन्य लोग भी शामिल हैं.

CM बघेल ने अधिकारियों के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री बघेल ने पीड़ितों से बात करते हुए कहा कि आप लोगों ने अपनी खेती किसानी के पैसे, रिटायरमेंट के पैसे इस उम्मीद में निवेश किया था कि वो बढ़कर मिलेगा, लेकिन आपके साथ अन्याय हुआ. आपको न्याय मिले इसलिए दोषी लोगों पर कार्रवाई की गई जो आगे भी जारी रहेगी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश भी दिए कि बचे हुए मामलों में जल्द ही विधिक कार्रवाई को पूरी कराएं ताकि पीड़ित निवेशकों के पैसे वापस लौटाए जा सकें.

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