रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव विवेक भारद्वाज ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना को लेकर सभी राज्यों के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक की वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली. इस बैठक में छत्तीसगढ़ के स्पेशल डीजी आर के विज भी शामिल हुए. राज्यों को आधुनिकीकरण के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा दिए गए आर्थिक सहायता पर चर्चा की गई. यह योजना पूर्व से संचालित है, जिसे केन्द्र सरकार ने भविष्य में भी जारी रखने का निर्णय लिया है.
विशेष पुलिस महानिदेशक आरके विज ने पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना और इसके कियान्वयन के मुख्य बिन्दुओं से केन्द्र सरकार को अवगत कराया. पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अन्तर्गत छगको ‘बी’ केटेगरी में रखा गया है, जिस पर विज ने राज्य को कैटेगरी ‘ए’ में शामिल किए जाने केन्द्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया. कैटेगरी ‘ए’ में केन्द्रीय सहायता 90 प्रतिशत होती है. यदि छग को कैटेगरी ‘ए’ में शामिल किया जाना संभव न हो, तो केटेगरी ‘बी’ में वर्ष 2012 के पूर्व के वर्षों की तरह पुलिस आधुनिकीकरण में केन्द्र की हिस्सेदारी को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत किए जाने का अनुरोध किया. जिससे राज्यों पर वित्तीय भार कम आए.
आर के विज ने बैठक में कहा कि छग नक्सल प्रभावित राज्य है. जिसके 14 जिले नक्सल प्रभावित जिले और 8 जिले अत्यंत नक्सल प्रभावित है. राज्य गठन के बाद से अब तक पुलिस बल 22 हजार 520 से बढ़कर 75 हजार 861 हो गई है. इसके साथ ही थाने 293 से बढ़कर 467 और पुलिस चौकियां 57 से बढ़कर 115 हो गई है. इसी प्रकार अन्य पुलिस इकाईयां-पुलिस प्रशिक्षण संस्थान, सशस्त्र वाहिनियों में वृद्धि हुई है. लेकिन आधुनिकीकरण योजना में मिलने वाली राशि में निरंतर कमी हुई है. जिसे बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
केन्द्र की अन्य योजनाओं की तरह ही आधुनिकीकरण योजना में कुछ अग्रिम राशि प्रदाय किए जाने की मांग की है. जिससे इस योजना के अंतर्गत कय की कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ की जा सकें. केन्द्र के द्वारा दिये जाने वाली राशि की गणना में आशिक संशोधन का सुझाव दिया गया. कई कारणों से कय की स्वीकृति एवं कय कार्यवाही होने में 2 वर्ष का समय लग जाता है. इसलिए केन्द्रांश की विमुक्तिकरण की गणना में उक्त अवधि में वृद्धि किये जाने का सुझाव दिया गया. इस योजना के अंतर्गत क्रय की जाने वाली सामाग्री में बचे हुए शेष राशि को व्यय करने के लिये स्वीकृत सामाग्रियों की संख्या बढ़ाकर व्यय करने की अनुमति को नए गाइडलाइन को सम्मिलित करने का सुझाव दिया गया. इसी तरह एक ही मद में नवीन सामाग्री परिवर्तन एवं नवीन निर्माण कार्यों की अनुमति के लिये राज्य स्तरीय समिति सक्षम हो, इस प्रकार के निर्देश को आधुनिकीकरण योजना के नवीन गाईडलाईन में शामिल करने का सुझाव दिया गया.
स्पेशल डीजी आर के विज ने पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना को निरंतर चालू रखने और राज्यों की आवश्यकता अनुसार राशि प्रावधान किये जाने के प्रस्ताव को प्रभावी तरीके से केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्तुत किया. जिस पर केंद्रीय अपर सचिव (पुलिस आधुनिकीकरण) ने सराहा और छग की मांगों के संबंध में चर्चा कर ठोस निर्णय लेने का आश्वासन भी दिया.