फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ का दक्षिणी छोर बस्तर अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है. लेकिन यही बस्तर पूरी दुनिया में नक्सलवाद की समस्या को लेकर भी चर्चित है. बस्तर की पहचान प्राकृतिक सौंदर्य, नक्सलावद के साथ-साथ अभाव, पिछड़ेपन, गरीबी को लेकर भी है. लेकिन अब वक्त बदल रहा….स्थानीय लोग कह रहे हैं….मांगे पूरी हो रही, समाधान निकल रहा है, मेरा बस्तर बदल रहा है.

भूपेश सरकार के बनने के बाद से ही बस्तर की छवि बदल गई है. सरकार के दो साल के कार्यकाल में नक्सली जहाँ बैकफुट पर हैं, तो गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने का काम भी तेजी से जारी है. बस्तरवासियों की मांग पूरी करने में सरकार कभी भी पीछे नहीं रही है. भूपेश सरकार ने ढेरों सौगातें बस्तरवासियों को दी है.

26 जनवरी के मौके पर जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक बार फिर बस्तर के जिला मुख्यालय जगदलपुर पहुँचे तो उन्होंने अनेक विकासकार्यों का लोकार्पण किया, भूमिपूजन किया, तो वहीं स्थानीय आदिवासियों की कई मांगों को तत्काल पूरा भी किया. स्थानीय निवासी, सामाजिक संगठनों, अधिकारी-कर्मचारियों से संवाद किया, महिला समूहों के सदस्यों के साथ भोजन भी किया.

आइये आपको बताते हैं कि 2021 में बस्तर जिलेवासियों को क्या-क्या सौगातें मुख्यमंत्री ने दी है. 

बास्तानार अंचल को दी 156 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात

घोषणा

कुकानार में मिनी स्टेडियम, बड़ेकिलेपाल नवीन हाई स्कूल भवन, कोड़नाली मार्ग में 8 किलोमीटर की डामरीकृत सड़क निर्माण करने की घोषणा
तामड़ा घुमर, मेंदरी घुमर में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक करोड़ रूपए की स्वीकृति.
बास्तानार, दरभा एवं चित्रकोट में विश्राम भवन निर्माण
उसरीबेड़ा में नवीन इंडोर स्टेडियम निर्माण
ग्राम गढ़िया में पचास-पचास सीटर प्री मैट्रिक बालक एवं बालिका छात्रावास भवन का निर्माण
मटकोट से आरापुर पहुँच मार्ग निर्माण
वाहनपुर से कोटगाली तक डामरीकृत सड़क निर्माण
पटेलपारा सांवगेल से कोलेंग तक डामरीकृत सड़क निर्माण
हर्राकोडेर में नवीन हाईस्कूल निर्माण
शासकीय महाविद्यालय तोकापाल में बाऊण्ड्रीवाल निर्माण करने की घोषणा.

लोकार्पण 

मेडिकल कॉलेज जगदलपुर के नवनिर्मित ऑडिटोरियम एवं ट्रामा सेन्टर
बस्तर को 19 ग्रामीण सड़कों सहित कई निर्माण कार्यों की सौगात
 7.28 करोड़ रूपए की लागत से बास्तानार में निर्मित 250 सीटर आदिवासी बालक छात्रावास भवन
एक करोड़ 79 लाख रुपए की लागत से बकावंड में निर्मित 50 सीटर आदिवासी कन्या छात्रावास भवन
5.11 करोड़ रुपए की लागत से 90 गांवों में पेजयल के लिए सोलर ड्यूल पंप स्थापना
2.97 करोड़ रुपए की लागत से 55 गांवों में हाईमास्ट लाईट की स्थापना
एक करोड़ 99 लाख रुपए की लागत के डिमरापाल जगदलपुर में ट्रांजिट हॉस्टल
एक करोड़ 72 लाख रुपए की लागत के नानगुर में निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का लोकार्पण.

भूमिपूजन

पाहुरबेल से उड़ियापाल तक 2.94 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 6 किलोमीटर लंबी सड़क
पाथरी से छिनारी तक 2.57 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाली 4 किलोमीटर लंबी सड़क
मारीगुड़ा से मैलबेड़ा तक 2.83 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाली 5.70 किलोमीटर लंबी सड़क
बड़े आरापुर से मटकोट तक 4.60 करोड़ रुपए की लागत वाली 4 किलोमीटर लंबी सड़क
5.16 करोड़ रुपए की लागत वाली 5 किलोमीटर लम्बाई वाली मंडवा मार्ग
बोरपदर से बेलपुटी तक 4.30 करोड़ रुपए के लागत वाली 9.10 किलोमीटर लंबी सड़क
करपावंड से बेलपुटी तक लगभग 5.83 करोड़ रुपए की लागत वाली 12.10 किलोमीटर लंबी सड़क
करीतगांव से सरगीपाल तक 2.41 करोड़ रुपए की लागत की 8.70 किलोमीटर लंबी सड़क
गारेंगा से चारगांव तक 14.94 करोड़ रुपए के लागत की 24 किलोमीटर लंबी सड़क
बास्तानार से डब्बापारा तक 15.97 करोड़ रुपए के लागत की 24.60 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण
उलनार से छोटे बाड़म तक 3.51 करोड़ रुपए के लागत की 11.4 किलोमीटर लंबी सड़क
सरगीपाल से नानगुर तक 5.55 करोड़ रुपए के लागत की 16.80 किलोमीटर लंबी सड़क
धाराउर से मेंदरी तक एक करोड़ 93 लाख रुपए के लागत की 9.56 किलोमीटर लंबी सड़क
नियानार से मावलीपदर तक 12.84 करोड़ रुपए की लागत वाली 12.80 किलोमीटर लंबी सड़क
उरमीगुड़ा से टेकामेटा तक 4.15 करोड़ रुपए के लागत की 9.40 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य,
एक करोड़ 38 लाख रुपए की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग से मारीगुड़ापारा बालेंगा तक निर्मित 2.42 किलोमीटर लंबी सड़क
राष्ट्रीय राजमार्ग से मुंडागुड़ा तक निर्मित 10.38 किलोमीटर लंबी सड़क का जीर्णोद्धार
एक करोड़ 43 लाख रुपए की लागत से माड़पाल से उपनपाल तक निर्मित 5.20 किलोमीटर लंबी सड़क
गरावंड से माड़पाल तक निर्मित 6.40 किलोमीटर लंबी सड़क
बस्तर के उलनार-बजावंड मार्ग में 59 लाख रुपए की लागत वाले पुल
नगरनार, सरगीपाल, छापर भानपुरी, सिरिसगुड़ा, कोड़ेनार, बड़ांजी, बस्तर, लामकेर, रेटावंड, टलनार, सोनारपाल और बजावंड के धान उपार्जन केन्द्रों में साढ़े 26-26 लाख रुपए की लागत वाले 500-500 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम और चबूतरा निर्माण,
2.98 करोड़ रुपए की लागत से बुरुंगपाल तालाब के जीर्णोद्धार
2.95 करोड़ रुपए की लागत से तुर्रेमरका जलाशय के जीर्णोद्धार
एक करोड़ 29 लाख रुपए की लागत से देवड़ा जलाशय में मरम्मत एवं सीसी लाईनिंग
एक करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से भोंड जलाशय में मरम्मत एवं सीसी लाईनिंग, 40 लाख रुपए से धुरगुड़ा में स्टाप डेम निर्माण 97 लाख रुपए की लागत से भाटपाल में स्टाप डेम निर्माण.

 

लाला जगदलपुरी के नाम पर साहित्य का पुरस्कार

भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर की पहचान अब बंदूक से नहीं बल्कि कलम से होगी. उन्होंने यह बातें जगदलपुर में लाला जगदलपुरी जिला संग्रहालय के लोकार्पण के अवसर पर कही. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लाला जगदलपुरी के नाम पर साहित्य पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही प्रतिवर्ष साहित्य सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की.  उन्होंने यहां की धरोहरों को संरक्षित करने का कार्य किए जाने की बात भी कही.

चार किताबों का विमोचन

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बस्तर दशहरा, कांगेर का संसार, बस्तर माटी की गूंज और कीर्तिशेष लाला जगदलपुरी जन्म शताब्दी समारोह नामक चार किताबों का विमोचन किया.

एयरपोर्ट परिसर जगदलपुर में बैलगाड़ी के शिल्प प्रतिरूप का अनावरण

मुख्यमंत्री ने मां दन्तेश्वरी हवाई अड्डा परिसर में स्थापित कांसे से निर्मित बैलगाड़ी के प्रतिरूप का अनावरण किया. मुख्यमंत्री ने जैसे ही बैलगाड़़ी के शिल्प प्रतिरूप के अनावरण के लिए पर्दे की डोर खींची तो कांसे से बनी भव्य एवं बेजोड़ बैलगाड़ी के शिल्प प्रतिरूप को देखते रह गए. उन्होंने इस शिल्प प्रतिरूप को देखकर कहा कि बस्तर का बेल मेटल शिल्प बेजोड़ है. उन्होंने बैलगाड़ी के शिल्प प्रतिरूप की नक्काशी की सराहना की और कहा कि यह शिल्प प्रतिरूप बस्तर की पहचान है.

दलपत सागर का भ्रमण, सौंदर्यीकरण के कार्यों की प्रशंसा, नौकायन का समापन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दलपत सागर के संरक्षण और सौन्दर्यीकरण का सपना निश्चित तौर पर साकार होगा और इसका पुराना वैभव लौटेगा. यह कार्य शासन-प्रशासन सहित सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों के सहयोग से किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने आज दलपत सागर के सौन्दर्यीकरण के लिए तीन करोड़ रुपए और जगदलपुर शहर के विकास के लिए पांच करोड़ रुपए प्रदान करने की घोषणा नौकायन प्रतियोगिता के समापन समारोह में की.

मुख्यमंत्री ने दलपत सागर के सौंदर्गीकरण अंतर्गत दलपत देव की मूर्ति स्थापना, परिक्रमा पथ, स्ट्रीट लाईट, घाट निर्माण, फ्लोटिंग रेस्टोरेन्ट आदि कार्यों के लिए तीन करोड़ रुपए प्रदान करने की घोषणा की। इसके साथ ही दलपत सागर के उचित प्रबंधन हेतु दलपत सागर प्रबंधन समिति का गठन करने सहित बस्तर के खिलाड़ियों के लिये दलपत सागर में क्याकिंग-कैनोईन खेल के प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ ही गंगामुंडा तालाब का सौंदर्यीकरण करने की घोषणा भी की.

महिला स्वसहायता समूह की सदस्यों के साथ भोजन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बस्तर जिले के बकावंड विकासखण्ड स्थित मंगनार गौठान का अवलोकन किया. उन्होंने वहां स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों का अवलोकन किया और महिलाओं से उनके कार्यों के बारे में जानकारी ली.  मुख्यमंत्री ने गौठान में सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन इकाई, नर्सरी, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, वेस्ट डिकम्पोस्ट उत्पादन इकाई, गोबर गमला एवं दीया निर्माण, केंचुआ खाद निर्माण, मधुमक्खी पालन, मछली पालन और कुक्कुट पालन गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंनेे गौठान में गोवर्धन पूजा की और वहां स्वसहायता समूहों की महिलाओं के साथ दोपहर का भोजन भी किया। मुख्यमंत्री के मंगनार गौठान पहुंचने पर पारंपरिक गेड़ी नृत्य और पगड़ी पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री बघेल ने गौठान में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, स्वसहायता समूहों की महिलाओं और ग्रामीणों से राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली. उन्होंने सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट, वनाधिकार पट्टा वितरण, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी और उसके भुगतान, गोबर खरीदी तथा गांवों में गौठान निर्माण और संचालन के बारे में पूछा. उन्होंने स्थानीय किसानों से चर्चा के दौरान बताया कि राज्य सरकार आने वाले समय में कोदो-कुटकी की भी खरीदी समर्थन मूल्य पर करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौर में भी प्रदेश में वनोपजों की अच्छी खरीदी हुई है. राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और गौठानों में महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के स्वरोजगार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है.