फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ में फिर किसानों के फसल लहलहाएंगे. फिर अन्नदाता के आंगन में खुशियां आंएगी. किसानों की मदद के लिए भूपेश सरकार कृषि ऋण दे रही है, जिससे किसान खाद और बीज खरीद सकें. इसी कड़ी में भूपेश सरकार सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि ऋण किसानों को दिला रही है. इससे किसानों को काफी ज्यादा मदद मिलेगी. वह साहूकारों के जाल से बच जाएंगे. साथ ही बैंकों से कर्ज लेने पर अतिरिक्त ब्याज के तौर पर अतिरिक्त पैसे भी नहीं देने होंगे. इससे किसानों पर आर्थिक भार भी नहीं पड़ेगा.

6100 करोड़ रूपए कृषि ऋण का लक्ष्य

दरअसल, राज्य में खरीफ सीजन 2023 के लिए 6100 करोड़ रूपए कृषि ऋण के रूप में किसानों को उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 2447 करोड़ 89 लाख रूप का ऋण किसानों को दिया जा चुका है. यह निर्धारित लक्ष्य का 40 प्रतिशत है. खरीफ 2022 में राज्य के किसानों को 5563 करोड़ 60 लाख रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण बिना ब्याज के दिया गया था.

सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि ऋण

गौरतलब है कि राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने तथा कृषि काश्त में कमी लाने के लिए किसानों को रियायती दर पर उच्च गुणवत्ता की जैविक खाद सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि ऋण के रूप में प्रदाय किए जाने की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है.

2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी

यहां यह उल्लेखनीय है कि सुराजी गांव योजना के तहत अब तक गांव में निर्मित एवं संचालित 10,235 गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत ग्रामीण किसानों एवं पशुपालकों से 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी नियमित रूप से की जा रही है.

34 लाख क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन

क्रय गोबर से वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन महिला समूहों द्वारा किया जा रहा है. गौठानों में अब तक महिला समूहों द्वारा अब तक 34 लाख क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया गया है.

गौठानों में 6.26 लाख क्विंटल जैविक खाद उपलब्ध

26 लाख क्विंटल से अधिक खाद का उठाव और उपयोग राज्य के किसानों सहित अन्य संस्थानों द्वारा किया जा चुका है. वर्तमान में राज्य के 7043 गौठानों में 6.26 लाख क्विंटल जैविक खाद उपलब्ध है, जिसे किसानों को उपलब्ध कराने के लिए पैकेजिंग कर सहकारी समितियों को भेजा जा रहा है.

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