फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ में महिलाएं अब किसी के आगे बेबस नहीं होती, रोजगार के लिए हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है. महिलाएं गौठानों में लाखों रुपये कमा रही हैं. गौठानों में मल्टी एक्टिविटी से रोजगार से साधन बढ़े हैं, जिसका महिलाएं बखूबी फायदा उठा रही हैं. वर्मी कंपोस्ट, सब्जी बाड़ी और मुर्गी पालन से लाखों कमा रहीं है. भूपेश सरकार की योजनाएं गांव-गांव, गली-गली में खुशियां बांट रही हैं, जहां से हंसती-खिलखिलाती तस्वीरें सामने आ रही हैं. गौठानों में रोजगार के साथ पैसों की बारिश हो रही है. महिलाएं अब चूल्हे-चौके तक ही सीमित नहीं रहीं, मोटी रकम कमा कर परिवार का पालन पोषण और जरूरतें पूरी कर रहीं हैं.

महिलाओं को अच्छी खासी आमदनी

दरअसलस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में ग्राम सुराजी योजना के तहत स्थापित किए गए गौठान अब आजीविका संवर्धन एवं आर्थिक सशक्तीकरण का पर्याय बन गए हैं. गौठानों में संचालित मल्टी एक्टिविटी से रोजगार के साधन और अवसर तो बढ़ ही रहे हैं. महिलाएं यहां अच्छी खासी आमदनी कमा रही हैं.

आर्थिक स्वावलंबन में भरपूर मदद

इसके साथ ही साथ ही महिलाएं अब गांव में ही रहकर अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही हैं. ग्रामीण महिलाएं अब घर की कामकाज तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आय के साधन जुटाकर परिवार की देखरेख और आर्थिक स्वावलंबन में भरपूर मदद कर रही हैं.

गोबर से आजीविका का संवर्धन

राज्य सरकार की ग्राम सुराजी योजना के तहत गांव गांव में बने गौठान अब नई तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं. इन गौठानों में मवेशियों के सुरक्षित रखने से लेकर तमाम गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. यहां गोबर से आजीविका का संवर्धन हो रहा है.

महिलाओं ने लिखी नई इबारत

महासमुंद जिले का ग्राम सिरपुर जनपद पंचायत सरायपाली अंतर्गत आता है. कस्तूरबा स्वयं सहायता समूह की 10 महिलाओं ने चार वर्ष पहले गौठान में कार्य करने का फैसला लिया था. यहां महिलाओं ने एक नई इबारत लिखी है, जिसमें खुशियां भर-भरकर उनके आंगन को रोशन कर रही हैं.

वर्मी कंपोस्ट बनाकर लाखों रुपए की आय

कस्तूरबा स्वयं सहायता समूह की 10 महिलाएं गोबर बेचकर और वर्मी कंपोस्ट बनाकर लाखों रुपए की आय अर्जित कर रही हैं. इसके साथ ही सब्जी बाड़ी, मुर्गी पालन जैसे आय मूलक गतिविधियां भी अपना रही हैं.

भूपेश सरकार का आभार व्यक्त किया

समूह की सदस्य ने बताया कि वह पहले घर के चूल्हे-चौके तक ही सीमित थी, लेकिन समूह से जुड़ने के बाद और गौठान में काम करने के पश्चात एक नई सोच विकसित हुई है. अब गौठान के माध्यम से वे स्वालंबन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. महिलाओं ने भूपेश सरकार का आभार व्यक्त किया है.

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