फीचर स्टोरी। समय के साथ-साथ धीरे-धीरे देश कोरोना संकट से उबर रहा है. अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आई है. गरीब-मजदूर परिवार के लोग अपनी दुनिया फिर से पहले की तरह सजाने में लग गए हैं. वे सब जिन्होंने कोरोना का दर्द झेला है, वे उसे अब भुलाने में लग गए हैं.
आदिवासी बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ ने भी कोरोना संकट को झेला है. लेकिन उतना नहीं जितना शायद देश के अन्य राज्यों ने झेला होगा. इसके पीछे की वजह रही है भूपेश सरकार की कारगर नीति, स्पष्ट और साफ नीयत. यहाँ के लोगों के लिए विशेषकर गरीब-मजदूर परिवारों को संकट से उबारने का जो काम राज्य सरकार ने किया है, वह अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल की तरह है.
सच कहे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कोरोना संकट में संकटहर्ता के रूप में उभरकर सामने आए हैं. यह बातें मुख्यमंत्री की तारीफ में नहीं कही जा रही है, बल्कि इसे गाँव लौटे मजदूरों के बीच जाकर, गरीब परिवारों से मिलकर समझा और जाना सकता है. विशेषकर उन 57 लाख बीपीएल परिवारों के बीच जाकर, जिनके सामने सबकुछ बंद हो जाने के बाद सबसे बड़ी चुनौती भोजन की थी, राशन की थी, दैनिक गुजारे की थी.
यही वजह है कि जब देश में मोदी सरकार गरीब परिवार को निःशुल्क राशन बाँटने का ऐलान कर रहे थे, तब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गरीब-मजदूर परिवारों को राशन बाँटने की शुरुआत कर चुके हैं. मोदी सरकार से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने न सिर्फ प्रवासी मजदूरों को गाँवों तक छोड़ने की व्यवस्था करवाई, उनके ठहने और भोजन की व्यवस्था करवाई थी, बल्कि इसके साथ-साथ उन्होंने सूखा राशन पैकेट का वितरण भी शुरू करवा दिया था.
भूपेश सरकार की ओर से आपात स्थिति और भयंकर विपरीत परिस्थिति में लिए गए त्वरित निर्णय का असर ये हुआ है कि 57 लाख बीपीएल परिवारों को संकट से उबरने, दर्द को झेलने और मजबूती के साथ फिर से एक नई शुरुआत करने की ताकत मिली.
सार्वभौम पीडीएस के तहत खाद्यान्न वितरण
राज्य सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत राज्य के 57 लाख अन्त्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को 3 माह अप्रैल, मई एवं जून 2020 में निःशुल्क चावल वितरण किया गया. इन परिवारों में तीन माह में 5 लाख 64 हजार 87 टन चावल निःशुल्क उपलब्ध कराया गया.
इसके अलावा राशनकार्डधारियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अप्रैल से नवबंर 2020 तक प्रति सदस्य 5 किलो चावल एवं एक किलो चना निःशुल्क वितरित किया गया. जून माह में एक किलो अरहर दाल भी राशन कार्डधारी परिवारों को निःशुल्क प्रदाय की गई. इस प्रकार कोरोना संक्रमण काल में अप्रैल से नवंबर तक 8 लाख 65 हजार 984 टन अतिरिक्त चावल तथा 45 हजार 781 टन अतिरिक्त चना एवं दाल का निःशुल्क प्रदाय की गई.
सभी ग्राम पंचायतों में 2 क्विटल चावल
वहीं इसी बीच जरूरतमंदों की मदद के लिए राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायतों में 2 क्विंटल चावल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई. इसके लिए राज्य के 11,105 ग्राम पंचायतों के लिए 22 हजार 210 क्विंटल चावल का आबंटन जारी किया गया. नगरीय क्षेत्रों में संचालित राहत एवं क्वारेनटाइन शिविरों में चावल आबंटन और भोजन की व्यवस्था हेतु रियायती दर पर 229 क्विंटल चावल प्रदाय किया गया.
प्रवासी व्यक्तियों को निःशुल्क चावल व चना
वहीं अप्रैल से नवंबर, 2020 तक कुल 7 लाख 89 हजार 804 टन चावल एवं 41 हजार 200 टन चना व दाल का वितरण प्रति सदस्य के मान से अतिरिक्त रूप से किया गया. आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत अन्य राज्यों से वापस आये प्रवासी व्यक्तियों एवं श्रमिकों जिनके पास केन्द्र अथवा राज्य सरकार की योजनांतर्गत राशनकार्ड नहीं था, उन्हें मई एवं जून माह में प्रति सदस्य 05 किलो चावल एवं प्रति परिवार एक किलो चना निःशुल्क प्रदाय किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई.
इस योजना के अंतर्गत 10 हजार 38 मैट्रिक टन चावल तथा 528.30 मेट्रिक टन चना का मासिक आबंटन जिलों को जारी किया गया. छत्तीसगढ़ राज्य में आत्मनिर्भर भारत योजनांतर्गत खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए एक लाख 9 हजार 179 परिवारों के 2 लाख 22 हजार 605 सदस्यों का पंजीयन किया गया. पंजीकृत सदस्यों को उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से माह मई से जून माह तक एक हजार 733 क्विंटल चना तथा 19 हजार 644 क्विंटल चावल का वितरण किया गया.
राज्य के जिलों में सामुदायिक भोजनालय व निःशुल्क सूखा राशन
इसके साथ ही प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य राज्यों के फंसे लोगों तथा जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए जिलों में सामुदायिक भोजनालय की व्यवस्था एवं निःशुल्क सूखा राशन की व्यवस्था की गई. यही नहीं स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी जरूरतमंदों को भोजन एवं अन्य सहायता उपलब्ध कराने में बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता निभाई.
हेल्प लाइन एवं कन्ट्रोल रूम का संचालन
वहीं राज्य में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, भण्डारण, आर्ति की निगरानी एवं मॉनिटरिंग तथा प्रवासी श्रमिकों,गरीब परिवारों,निराश्रित व्यक्तियों,जरूरतमंद परिवारों को भोजन एवं सूखा राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम 25 मार्च 2020 से संचालित है. जिसका दूरभाष क्रमांक 0771-2882113 है.
आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति की मॉनिटरिंग
साथ ही राज्य में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये प्राइस मानिटरिंग सेल के माध्यम से सभी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं इनके दैनिक बाजार मूल्यों की नियमित निगरानी की गयी तथा आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किया गया.
सरकार की ओर से ही प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य में 22 मार्च से जनवरी 2021 तक 1 लाख 92 हजार 338 नए राशनकार्ड बनाए गये तथा 2 लाख 33 हजार 415 नवीन सदस्यों के नाम भी जोड़े गये, यह प्रक्रिया अभी भी राज्य में जारी है. राज्य शासन द्वारा सार्वभौम पीडीएस लागू होने के बाद वर्तमाने में प्रदेश के 97 प्रतिशत जनसंख्या को खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है.