फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ सरकारी की योजनाएं लाखों बरसा रही हैं. गौठानों में धन की वर्षा हो रही है, जिसको मेहनतकश अपनी मेहनत से बटोर रहे हैं. मछली पालन से लाखों की आमदनी हो रही है. महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. महिलाओं के हाथों में आमदनी का जाल है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था में जान गौठान डाल रहे हैं. 1753 गौठानों के तालाबों में मत्स्य पालन हो रहा है. सरकार की योजनाएं लाखों बरसा रहीं हैं, जिससे लोगों की जिंदगी में खुशहाली आ रही है. घर के आंगन खुशियों का उजियारा फैल रहा है.

स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध

राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कृषि और उस पर आधारित व्यवसाय जैसे की मछलीपालन, पशुपालन आदि को परंपरागत तरीके से कार्य करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके अंतर्गत ग्रामीण कृषि, पशुपालन, जल संसाधनों का उपयोग और उनके उत्पाद तथा अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग स्थानीय स्तर पर कृषि एवं उस पर आधारित कार्यों में किया जा रहा है.

4 रुपए प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी

गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में ग्रामीण पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गोबर और 4 रुपए प्रति लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है. जैविक खेती के लिए गोबर का उपयोग वर्मी खाद बनाने तथा गौमूत्र का उपयोग कीटनाशक दवाई बनाने में किया जा रहा है.

1 लाख 30 हजार से अधिक महिलाएं हो रहीं आत्मनिर्भर

राज्य की 8 हजार से अधिक गौठानों में 25 हजार बिहान समूह की लगभग 1 लाख 30 हजार से अधिक महिला विभिन्न आजीविका गतिविधियों में शामिल होकर इससे लाभान्वित हो रही हैं. गौठानों में इसके अतिरिक्त उपलब्ध संसाधनों के आधार पर बाड़ी, मुर्गीपलन, बकरीपालन, डेयरी, मछलीपालन आदि कार्यों से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है.

तालाबों में मत्स्य बीज संचय कर मत्स्य पालन

इन गौठानों के परिवृत्त में स्थित तालाबों में मत्स्य बीज संचय कर मत्स्य पालन किया जा रहा है। गौठान के ताजे गोबर का उपयोग तालाबों में प्राकृतिक मत्स्य आहार विकसित करने के लिए किया जाता है.

1753 गौठानों के तालाबों में मत्स्य पालन

गौठान ग्रामों के तालाबों में मल्टी एक्टिविटी अंतर्गत हितग्राहियों को प्रशिक्षण, मत्स्य विक्रय हेतु आइसबॉक्स, नाव जाल आदि भी वितरण किया जा रहा है. राज्य के 1753 गौठानों के तालाबों में मत्स्य पालन हो रहा है, जिसमें 8 हजार 775 रोजगार सृजित हो रहे हैं. इन तालाबों में सघन मत्स्य पालन, बायोफ्लांक आदि के माध्यम से समूहों को सहायता दी जा रही है.

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