रायपुर. अल्फांसो आम दुनियाभर में अपने खास स्वाद के लिए जाने जाते हैं और विदेशों में भारत के एक्सपोर्ट्स में इनकी बड़ी भूमिका होती है. इस निर्यात का लाभ उठाने की पहल कोंडागांव में भी की गई है. दुनियाभर में अल्फांजो की मांग काफी है और भारत में भी इसका बड़ा बाजार है. कोंडागांव में इस नवाचारी पहल के आरंभ होने से अन्य किसान भी इस दिशा में प्रेरित होंगे. 

राजागांव में 25 एकड़ बाड़ी में अल्फांसो के पेड़ लगाए गए हैं. बाजार में अल्फांसो आम प्रति किलो एक हजार रुपए तक बिकते हैं. इस बाड़ी में आरंभिक रूप से 20 हजार फलों के उत्पादन की संभावना है और इसके माध्यम से दस लाख रुपए वार्षिक आय होने की संभावना है.

उल्लेखनीय है कि रोपण के चैथे साल से आमों का उत्पादन होगा. इन वृक्षों से प्रतिवर्ष प्रतिवृक्ष 20 फलों का उत्पादन होगा अर्थात प्रतिवर्ष 20 हजार नग आमों का उत्पादन होगा. वृक्षों की उम्र में वृद्धि के साथ उत्पादन में भी वृद्धि होगी. 


अतिक्रमण हटाकर भूमि का किया सदुपयोग
25 एकड़ की यह भूमि अवैध रूप से अतिक्रमण का शिकार रही. वन प्रबंधन समिति और वन विभाग के सामूहिक प्रयास से इस 25 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से बचाया गया. आज इंदिरा वन मितान समूह के सदस्यों की देखरेख में यहां अल्फांजो आम और एरोमेटिक पौधों की खेती की जा रही है.

वर्तमान में 25 एकड़ के क्षेत्रफल में रोपण का कार्य किया गया है, जहां फलदार पौधों के साथ मिश्रित खेती के माध्यम से आम, बांस, क्लोन नीलगिरी के साथ सुगंधित फसलों वेटीवेयर (खस), पामारोजा, लेमन ग्रास को उगाया जा रहा है.

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