नई दिल्ली। दिल्ली के पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी-पूर्वी जिले में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मारे गए हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की स्मृति में एक विशेष पदक शुरू किया गया है. पुलिस प्रमुख ने दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस पर अपने संबोधन के दौरान यह घोषणा की. फरवरी 2020 में दिल्ली में हिंसा भड़क उठी, जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे. तब से दिल्ली पुलिस हिंसा की जांच कर रही है और कई आरोपियों को हिरासत में लेकर अदालतों में पेश कर चुकी है.

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हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल दिल्ली दंगे में हो गए थे शहीद

दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, 24 फरवरी को भीड़ के अकारण हमले में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की मौत हो गई थी. चश्मदीदों ने अपने बयान में कहा था कि चांदबाग में धरनास्थल पर तैनात एक पुलिस टीम पर अचानक लाठियों और रॉड वगैरह से लैस भीड़ ने हमला कर दिया, जिससे रतन लाल की मौत हो गई और डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी अनुज कुमार और अन्य घायल हो गए.
प्रदर्शनकारी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध कर रहे थे और बिना अनुमति के चांदबाग इलाके में रैली की थी.

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उत्तरी-पूर्वी जिला पुलिस कुल 695 मामलों की जांच कर रही है, जबकि हत्या सहित 62 मामलों को अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां तीन समर्पित विशेष जांच दल वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में मामलों की जांच कर रहे हैं. दिल्ली की एक अदालत ने हिंसा के मामलों में पहली जेल की सजा 20 जनवरी को सुनाई थी. 73 साल की महिला का घर जलाने के मामले में दोषी लोगों को 5 साल कैद की सजा सुनाई गई है. इससे पहले दिन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्थापना दिवस परेड में अपने संबोधन के दौरान दिल्ली हिंसा से संबंधित मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए पुलिस बल को बधाई दी.