फीचर स्टोरी। छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया जिले के विकासखंड बैकुण्ठपुर के ग्राम सावारावा की मां लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह में 10 सदस्य हैं. समूह के सदस्यों में से एक सदस्य लखमनिया सिंह के द्वारा अपने जीवन स्तर को सुधार करने की दिशा में आजीविका के संसाधन के रूप में सेंटरिंग प्लेट किराए में देने का कार्य किया जाता है.
हर महीने 12000 से 15000 की कमाई
इस व्यवसाय को प्रारंभ करने के लिए बैंक से 50, 000 रुपए का लोन लिया गया, जिससे आज वे अपने उद्यम से 12000 से 15000 रुपए प्रतिमाह की आमदनी प्राप्त कर रही हैं. साथ ही उन्हें स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान किया जा रहा है.
अपने परिवार का खर्च वहन कर रहे
आज वे अपने परिवार का खर्च वहन कर रहे हैं. साथ ही साथ इस आमदनी से अपने आजीविका कार्य को आगे बढ़ाते हुए इनके द्वारा मिक्सर मशीन का कार्य भी किया जा रहा है.
बिहान से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे
इनका मानना है कि वे बिहान से जुड़कर खुद को आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम हुए हैं. समाज और परिवारजनों के बीच में अपने नई पहचान बनाते हुए आर्थिक और सामाजिक रूप से अपने परिवार को और सशक्त कर रही हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका का सृजन कर रहा ‘बिहान‘
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान महिला सशक्तिकरण और गरीबी उन्मूलन की दिशा में कार्यरत पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय अंतर्गत मिशन है. बिहान (नवा सवेरा) शब्दानुसार अपने उद्देश्यों व महिला सशक्तिकरण को निर्धारित कर प्रतिदिन महिलाओं और समाज को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है.
बिहान की संरचना तीनों स्तरों राज्य मंत्रालय, जिला पंचायत व जनपद पंचायत स्तर पर कार्यरत् है। जनपद पंचायत, जिला पंचायत के मार्गदर्शन व जिला पंचायत राज्य कार्यालय के मार्गदर्शन पर अपने कार्यों को जमीनी स्तर पर संचालित कर लक्ष्यों व उद्देश्य के प्रति हमेशा प्रयासरत है.
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