सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश, जिसे भारत का ‘हृदय प्रदेश’ भी कहा जाता है, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। मध्यप्रदेश में खेलों का भी एक विशिष्ट स्थान है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार खेलों के विकास और खिलाड़ियों को प्रतिभा के पर्याप्त अवसर दिलाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के नेतृत्व में मध्य प्रदेश को खेलों के क्षेत्र में नित नई ऊंचाइयां मिल रही हैं। अधोसंरचना के विकास, प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार और खिलाड़ियों को मिल रहे प्रोत्साहन से प्रदेश की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनी है। मध्य प्रदेश न केवल एक खेल राज्य के रूप में उभर रहा है, बल्कि यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रदेश के अधिकतम खिलाड़ी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश का नाम रोशन करते रहें।
खेल सुविधाओं का विकास
मध्य प्रदेश सरकार ने खेलों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में खेल सुविधाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में खेल परिसर और स्टेडियमों का निर्माण किया गया है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए सक्षम हैं। मध्य प्रदेश में 11 राज्य खेल अकादमियों की स्थापना की गई है, जिनके माध्यम से 18 खेल विधाओं में उभरते हुए खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन कर देश और प्रदेश का मान बढ़ा रहे हैं।मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अब तक 492 पदक देश की झोली में डालकर देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश के खिलाड़ियों ने अब तक 4056 पदक जीत कर मध्य प्रदेश को गौरवान्वित किया है।
खिलाड़ियों का सम्मान
वर्ष 2023 में भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के तीन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से नवाजा गया है। शूटिंग खिलाड़ी ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर, हॉकी खिलाड़ी सुशीला चानू और पैरा कया–कैनो खिलाड़ी प्राची यादव को अर्जुन पुरस्कार तथा हॉकी कोच शिवेंद्र सिंह को द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पेरिस ओलंपिक में प्रदेश के स्टार हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर प्रसाद ने अपनी असाधारण हॉकी खेल क्षमता से न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है। उन्हें पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन और देश के लिए कांस्य पदक जीतने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान करने की घोषणा की गई है। खिलाड़ियों का यह सम्मान राज्य सरकार की खेल और खिलाड़ियों के प्रति विशेष खेल भावना को रेखांकित करता है।
खिलाड़ियों के लिए प्रोत्साहन
मध्य प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मान निधि, छात्रवृत्तियां और सरकारी नौकरियों में आरक्षण जैसी सुविधाएं दी जाती हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार ने खिलाड़ियों के लिए विशेष बीमा योजनाएं भी शुरू की हैं, ताकि उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार की वित्तीय समस्या का सामना न करना पड़े। खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिभा प्रदर्शन करने का अवसर मिलता है।
खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
मध्य प्रदेश में खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत खेल अधोसंरचना और उपलब्धियों को देखते हुए शूटिंग, हॉकी और रोइंग अकादमियों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में चुना गया है। इन खेल अकादमियों को वर्ष 2019-20 के लिए 19 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि प्रदान की गई है। यह चयन राज्य की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अधोसंरचना और उत्कृष्टता के आधार पर किया गया है।
खेलो इंडिया स्मॉल सेंटर
खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 49 खेल केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 1280 खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रत्येक केंद्र के लिए 10 लाख रुपये की राशि स्वीकृत कर प्रदान की गई है, जिससे स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को निखारने में मदद मिल रही है।
नवाचार और योजनाएं: स्पोर्ट्स कोटा-राज्य में खेल कोटे के तहत मध्य प्रदेश पुलिस में “स्पोर्ट्स कोटा” लागू किया गया है, जिसमें हर वर्ष 10 सब-इंस्पेक्टर और 50 कॉन्स्टेबल की नियुक्ति की जाती है। यह खिलाड़ियों के लिए एक उत्कृष्ट अवसर है, जिससे उन्हें सरकारी नौकरी उपलब्ध कराई जाती है।
मुख्यमंत्री खेल अधोसंरचना विकास योजना-मुख्यमंत्री खेल अधो संरचना विकास योजना के अंतर्गत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में खेल अधोसंरचना का विकास किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। इससे शहरी और ग्रामीण स्तर के खिलाड़ियों को प्रतिभा निखारने में मदद मिलेगी।
नई अकादमी की स्थापना-राज्य में ई-स्पोर्ट्स और ब्रेकिंग डांस अकादमी स्थापित करने की योजना है, जो खेल के नए क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित करेगी। यह पहल नए खेलों के प्रति रुचि रखने वाले युवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
खेलो एमपी यूथ गेम्स-स्कूली बच्चों को खेलों से जोड़ने के लिए राज्य में “खेलो एमपी यूथ गेम्स” का आयोजन प्रति वर्ष किया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ भाग लेते हैं। यह कार्यक्रम राज्य के युवाओं में खेलों के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ाने में सहायक है।
ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक-पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक के लिए मध्य प्रदेश से जिन खिलाड़ियों का चयन हुआ उनमें विवेक सागर प्रसाद (हॉकी), ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर (शूटिंग), कपिल परमार (पैरालंपिक जूडो) प्राची यादव और पूजा ओझा (पैरालंपिक कया–केनो) तथा रुबीना फ्रांसिस (पैरालंपिक शूटिंग) शामिल हैं।
एशियन गेम्स
एशियन गेम्स, जकार्ता इंडोनेशिया 2018 में मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने जहां चार पदक देश को दिलाए वहीं वर्ष 2022 में एशियन गेम्स, चाइना में 16 पदक भारत की झोली में डालकर देश और प्रदेश को गौरवान्वित किया।
इसी तरह मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने चतुर्थ खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, 2023 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 14 स्वर्ण, 16 रजत और 8 कांस्य पदक जीते। यह सफलता राज्य के खेल विभाग द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और सुविधाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
खेल अधोसंरचना का विस्तार एक मजबूत नींव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में खेल अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक माध्यम भी है। इस दिशा में ‘मुख्यमंत्री खेल अधोसंरचना विकास योजना’ के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में खेल सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। यह योजना विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है जहां खेल सुविधाओं की कमी है। इसके तहत नए स्टेडियम, खेल परिसर, और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जा रही है। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में, राज्य को ‘खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा प्राप्त हुआ है। इस चयन में मध्य प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल अधोसंरचना, विशेषकर शूटिंग, रोइंग, और हॉकी अकादमियों की प्रमुख भूमिका रही है। इसके तहत 19 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे इन खेल अकादमियों में अत्याधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों का विकास
मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों का विकास एक बड़ी चुनौती रही है। हालांकि, राज्य सरकार ने ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।गांवों में खेल सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है और स्थानीय स्तर पर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ी भी अपनी प्रतिभा को निखार सकें। राज्य में ‘खेलो मध्य प्रदेश’ योजना के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत, विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग लेते हैं। इस योजना का उद्देश्य राज्य भर में खेलों को लोकप्रिय बनाना और खेल प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना है।
महिला खिलाड़ियों का योगदान
मध्य प्रदेश में महिला खिलाड़ियों का सराहनीय योगदान है। राज्य सरकार ने महिला खिलाड़ियों के विकास के लिए विशेष योजनाएं लागू की हैं, जिसके परिणामस्वरूप राज्य की कई महिला खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। खेलों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में विशेष प्रशिक्षण केंद्र और खेल अकादमियां स्थापित की गई हैं। मध्य प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों के विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा अनेक कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। खेलों के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है।
मां तुझे प्रणाम योजना– मध्य प्रदेश सरकार ने युवाओं को देश की सीमाओं और ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा कराने के लिए “माँ तुझे प्रणाम” योजना शुरू की है। इस योजना के तहत अब तक 15,588 युवाओं को लेह-लद्दाख, कारगिल, आर.एस. पूरा, कोच्चि, बीकानेर, नाथूला-दर्रा, कश्मीर, और7 अंडमान-निकोबार जैसे स्थानों की यात्रा कराई गई है।
कौशल उन्नयन कार्यक्रम-युवाओं को रोजगार से जोड़ने और उन्हें विभिन्न विधाओं में कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा रोजगारोन्मुखी (कौशल उन्नयन) कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसके तहत अब तक 19 हजार 810 युवाओं को कई विधाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
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