रायपुर। मानूसन के सीजन में दूषित पानी पीने या खाने से सबसे पहले पेट से संबंधित समस्या उत्पन्न होती है। घर में किसी बच्चे को पेट की समस्या होने पर ओआरएस का घोल दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं यहीं क्यों सबसे पहले दिया जाता है। 29 जुलाई को हर साल विश्व ओआरएस डे मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनिया में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की म़त्यु का कारण डायरिय
आसपास जमे पानी, गंदगी, बारीक मच्छरों की वजह से बच्चे जल्दी इसकी चपेट में आते है। डायरिया इतनी गंभीर बीमारी है कि इंसान की जान भी जा सकती है। ऐसे में बच्चे या वयस्क को डायरिया होने पर ओआरएस का घोल दिया जाता है। इस महत्व को समझाने के लिए हर साल 29 जुलाई को विश्व ओआरएस दिवस मनाया जाता है।
डायरिया होने पर ओआरएस करता है मदद ?
डायरिया के दौरान उल्टी और दस्त की वजह से शरीर के मुख्य मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स बाहर हो जाते हैं। इसके बाद डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। इस दौरान मरीज को अतिरिक्त तरल पदार्थ दिए जाते हैं। ताकि पानी की कमी पूरी हो सकें। इसी के साथ ओआरएस का घोल भी दिया जाता है। यह एक तरह से ग्लूकोज – हलेक्ट्रोलाइट सॉलूशन दिया जाता है। यह शरीर में फिर से इलेक्ट्रोलाइट को उत्पन्न करते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक की ओर से शोध में सामने आया ओआरएस के सेवन से करीब 93 फीसदी लोगों की डायरिया से होने वाली मौत को टाला जा सकता है।
घर पर भी बना सकते हैं ओआरएस, जानिए कैसे?
इसके लिए आपको 1 लीटर पानी, 30 ग्राम चीनी और छोटा चम्मच नमक। इन तीनों को अच्छे से मिला लें। इस मिश्रण को तब ही ले जब शक्कर पूरी नरह से घुल नहीं जाती। ध्यान रहे इस घोल को 24 घंटे के भीतर ही पिएं। इसके बाद नहीं। डायरिया किसी को भी हो सकता है तो ओआरएस सभी लोग पी सकते हैं।