वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. न्यायधानी में एक ऐसा परिवार है, जिनके आंगन में रोज तिरंगा शान से लहराता है. हर सुबह आरती और घंटी की गूंज नहीं बल्कि राष्ट्रगान जन गण मन के स्वर भी गूंजते हैं. परिवार के प्रत्येक सदस्य मंदिर में जाने से पहले तिरंगे को सलामी देते हैं. इतना ही नहीं इनके इस कार्य से परिवार का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, OMG वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. श्रीवास्तव परिवार की देशभक्ति का मकसद सिर्फ एक ही है कि हर किसी के मन में देशभक्ति को जगाना.
यह कहानी नेहरू नगर में आईटीआई के रिटायर्ड अधिकारी केके श्रीवास्तव परिवार की है, जिन्होंने घर में ही तिरंगा लहराने की परंपरा को वर्ष 2002 में शुरू कराया, जो आज तक जारी है. बीते 21 वर्षों से उनके घर में कोई मेहमान आने पर उन्हें भी राष्ट्रीय ध्वज के सामने सलामी देना जरूरी होता है. फिर आगे की बात बढ़ती है. केके श्रीवास्तव ने लल्लूराम डाॅट काम को बताया कि बचपन में 15 अगस्त के दौरान उन्हें स्कूल के किसी शिक्षक ने झंडे की छांव के नीचे खड़ा होने से मना किया था. नहीं मानने पर उन्हें धक्का देकर हटाया भी गया था. यही बात उनके जेहन में घर कर गई, तब वे छोटे थे, तभी से उन्होंने ठान लिया कि एक न एक दिन घर की छत पर तिरंगा फहराएंगे और अपने परिवार को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे.
पिता के आदर्शों को घर के हर सदस्य अपना रहे
यह बात केके श्रीवास्तव ने शादी के बाद अपनी पत्नी से शेयर की और पत्नी ने भी उन्हें इस काम को करने में साथ दिया. इसी का नतीजा है कि पिता के आदर्शों को घर का हर एक मेंबर अपना चुका है. घर में हर दिन तिरंगा फहराता है. नेहरू नगर में रहने वाले श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2002 के बाद से घर या ऑफिस में नियम पूर्वक तिरंगा फहराने की अनुमति दी है, तभी से वे ऐसा करने में लगे. इसके पीछे का मकसद लोगों को अपने देश के प्रति और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति गंभीर बनाना है. वे चाहते हैं कि अपना राष्ट्रीय ध्वज हर घर में लहराता रहे. इससे उन्हें खुशी होगी. साथ ही उनके बच्चे भी उन्हें इस काम में आगे आने के लिए प्रेरित करते रहते हैं. इसके चलते आज उन्हें एक अलग पहचान मिली है.
आसपास के लोग भी धीरे-धीरे अपना रहे परंपरा
इतना ही नहीं, उनके साथ आसपास के लोग भी धीरे-धीरे इस परंपरा से जुड़ने लगे हैं. घर में राष्ट्रगान के स्वर गूंजते ही उनके आसपास रहने वालों की जीवन में भी कुछ पलों के लिए स्थिरता आ जाती है और वे यहां तिरंगा लहराने पहुंच जाते हैं. केके श्रीवास्तव की देशभक्ति का मकसद सिर्फ एक ही है कि हर किसी के मन में देशभक्ति को जगाना. उनकी इच्छा है कि हर किसी के घर पर तिरंगा लहराता रहे.
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