अजय शर्मा,भोपाल। प्रदेश सरकार जल्द ही सुपर प्लेन खरीदने जा रही है. अभी देशभर में गुजरात सरकार के पास सुपर प्लेन है, लेकिन अब मध्यप्रदेश सरकार ने भी गुजरात की तर्ज पर प्लेन खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य सरकार ने विमानन कंपनियों से प्लेन की जानकारी मांगी है. इसके बाद ही किस कंपनी से प्लेन खरीदा जाएगा, इसका फैसला होगा. सरकार ने विमान के लिए 80 करोड़ रुपए का बजट रखा है, लेकिन सुपर प्लेन खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान राज्य सरकार को करना होगा. खास बात यह है कि शिवराज सरकार का सुपर प्लेन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाई बेड़े में शामिल MI-17 की तरह ही होगा. हालांकि MI-17 लड़ाकू विमानों के तौर पर माना जाता है, लेकिन MI-17 का सिस्टम शिवराज के नए सुपर प्लेन में होगा होगा.

6 महीने का लगेगा वक्त

मध्यप्रदेश सरकार ने सुपर प्लेन खरीदने के लिए विमान कंपनियों को कुछ सुझाव दिए हैं और अपनी जरूरतें भी बताई है. इसमें सबसे ज्यादा खास बात है कि सरकार ने टर्वो डबल इंजन की मांग की है. अभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किराए के प्लेन से पिछले 6 महीने से लगातार दौरे कर रहे हैं. नए विमान के लिए भी 6 महीने का वक्त लगेगा. विमानन विभाग ने बीते दिनों में प्लेन खरीदने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया है. जिसमें विदेशी कंपनियां शामिल होंगी.

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2021 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था स्टेट प्लेन

साल 2020 में भी मध्यप्रदेश सरकार ने 65 करोड़ रुपए की लागत से अमेरिकी कंपनी से विमान खरीदा था. साल 2021 में जून महीने में गुजरात से रेमडिसिवर लेकर आ रहा स्टेट प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसके बाद राज्य सरकार को काफी नुकसान हुआ था. इसके पीछे की वजह थी कि राज्य सरकार ने सरकारी विमान का बीमा ही नहीं कराया. जिसके चलते 65 करोड़ रुपए सरकार के डूब चुके हैं.

इन विशेषताओं से लैस होगा एयरक्राफ्ट

  • 8 सीटर प्लेन होगा. 2 पायलट के लिए अलग कैबिन होगा.
  • प्लेन के अंदर मिनी गैलरी भी होगी. 2 सीटें इस तरह होंगी जैसे कि रिवालविंग बिजनेस क्लास सीट होंगी.
  • एक बार फ्यूलिंग से 1000 माइल्स तक सफर किया जा सकता है.
  • फुली एसी होगा और एडवांस क्लास टायलेट भी होगा.
  • ग्लास कॉकपिट के साथ आधुनिक फ्लाइट मैनेजमेंट सिस्टम की भी डिमांड की गई है.
  • विमान में ऑटो पायलट मोड भी होगा.
  • नाइट विजन फ्लाइंग सिस्टम होगा.
  • MI-17 की तरह ही सिस्टम लगाने की डिमांड की गई है.

बदल दिए नियम

विमान हादसे के बाद नए विमान की खरीदी से पहले राज्य सरकार ने कुछ विशेष गाइडलाइन भी तय की है. राज्य सरकार ने विमानन कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि एवीएशन और DGCA डिपार्टमेंट के नियम के मुताबिक की विमान में सेफ्टी रखी जाए. इसके साथ ही मध्य प्रदेश आने तक विमान की जिम्मेदारी विमानन कंपनी की ही होगी. वहीं राज्य सरकार मेंटेनेंस और इंजीनियरिंग के लिए भी विमानन कंपनी को ही जिम्मेदारी देगी. यानी साफ है कि विमान हादसे के बाद सरकार सतर्क हुई है और फिर कोई घाटे का सौदा ना हो. अगर सरकार के नियमों के मुताबिक सब कुछ हुआ तो अगले छह महीने बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विमान में सफर करेंगे.

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