हेमंत शर्मा, रायपुर। अगर आप राजधानी रायपुर आ रहे हैं या फिर यहां से गुजर भी रहे हैं तो यह खबर आप के लिए है। आप की जरा सी असावधानी सड़क दुर्घटना का सबब बन सकती है। दरअसल राजधानी में 9 ऐसे ब्लैक स्पॉट हैं जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती हैं। जिनमें मौत का आंकड़ा सर्वाधिक है। यानी कि इन इलाकों में होने वाले हादसों में जीवित बचने का प्रतिशत काफी कम होता है।

शत प्रतिशत है मौत का आंकड़ा

राजधानी की ट्रैफिक पुलिस द्वारा जो आंकड़े जारी किये गए हैं उनके अनुसार साल 2019 में इन 9 ब्लैक स्पॉट में 38 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। जिनमें 38 लोगों की मौत हुई है। वहीं साल 2020 में 21 सड़क दुर्घटनाओं में 22 लोगों की मौत इन ब्लैक स्पॉट पर हुई है। ये आंकड़े बताते हैं कि हादसों में जीवित बचने वालों का औसत प्रतिशत शुन्य है। आपको बता दें साल 2020 में लॉक डाउन लगने की वजह से लोग अपने घरों में रहे जिसकी वजह से हादसों के आंकड़ों में कमी दर्ज की गई है।

हादसों की यह है प्रमुख वजह

ये वे इलाके हैं जहां हादसे इंतजार करते हैं। इन हादसों के बाद रह जाते हैं ना मिटने वाले दर्दों के निशान, असमय मौत। इन हादसों के पीछे के कारणों को जब हमने खंगाला तो वजहें सामने आई है उनमें रफ्तार का कहर यानी कि हाई स्पीड, हैल्मेट ना पहनना, शराब पीकर वाहन चलाना, सड़क पर गड्ढे, धूल, ट्रैफिक सिग्नल का ना होना या बंद होना, सिग्नल तोड़ना, सड़कों पर मवेशियों का विचरण करना इत्यादि।

ये हैं वो ब्लैक स्पॉट

  1. टाटीबंध चौक से सरोना ओवरब्रिज तक
    2019 के दुर्घटना की संख्या-6
    मौत- 7
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 11
    मौत- 12
  2. पिंटू ढाबा से छेरेखेड़ी ओवरब्रिज
    2019 में दुर्घटना की संख्या- 8
    मौत- 4
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 2
    मौत- 2
  3. रिंग रोड नम्बर 3 से जिंदल टर्निंग
    2019 में दुर्घटना की संख्या- 2
    मौत- 2
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 3
    मौत-3
  4. धनेली नाला से मेटल पार्क टर्निंग तक
    2019 में दुर्घटना की संख्या-5
    मौत- 8
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 0
    मौत- 0
  5. महात्मा गांधी सेतु महानदी पारागांव
    2019 में दुर्घटना की संख्या- 2
    मौत- 2
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 3
    मौत- 3
  6. मंदिर हसौद बस स्टैंड चौक
    2019 में दुर्घटना की संख्या- 4
    मौत- 3
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 0
    मौत- 0
  7. भनपुरी तिराहा से यातायात थाना भनपुरी तक
    2019 में दुर्घटना की संख्या- 3
    मौत-3
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 1
    मौत- 1
  8. गड़रिया नाला से ग्राम बेमता तक
    2019 में दुर्घटना की संख्या- 2
    मौत- 2
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 1
    मौत- 1
  9. सिंघानिया चौक से दैनिकभास्कर प्रेस तक2019 में दुर्घटना की संख्या- 5
    मौत- 7
    2020 में दुर्घटना की संख्या- 0
    मौत- 0

ट्रैफिक सिग्नल बन रहे नए ब्लैक स्पॉट

राजधानी रायपुर में इन नौ जगहों के अलावा अब और नए ब्लैक स्पॉट तैयार हो रहे हैं। वो हैं राजधानी के ट्रैफिक सिग्नल। रायपुर पुलिस की लापरवाही से अब ट्रैफिक सिग्न ब्लैक स्पॉट बनते जा रहे हैं। शहर का हृदय स्थल घड़ी चौक, जय स्तंभ चौक, शारदा चौक सहित लगभग सभी ट्रैफिक सिग्नल ऐसे हैं जहां सुबह देर तक सिग्नल बंद होने की वजह से यहां गाड़ियों की रफ्तार तेज रहती है और प्रतिदिन इन सिग्नलों में हादसे हो रहे हैं।

ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर का कहना है कि रायपुर शहर में स्मार्ट सिटी के तहत स्मार्ट सिग्नल लगे हुए हैं। सभी सिग्नल ऑटोमेटिक कंट्रोल होता है। ठंड नहीं पड़ रही है तो ट्रैफिक का दबाव सबेरे से ज्यादा हो जाता है। हर चौक के सिग्नल का टाइमिंग अलग अलग निर्धारित किया है। जिस चौक में 9 बजे भीड़ होती है तो सिग्नल 9 बजे चालू हो और जहां 7 बजे जैसे वीआईपी टर्निंग हो गया और महासमुंद बेरियर हो गया इसके अलावा शारदा चौक हो गया हमने तय किया है कि सिग्नल जल्दी चालू किया जाए, ताकि उस चौक में दुर्घटना न हो।

शासन-प्रशासन के कदम से कम हो रहे ब्लैक स्पॉट

ट्रैफिक डीएसपी सतीश ठाकुर का कहना है कि 2019 में रायपुर शहर में ब्लैक स्पॉट की संख्या 17 थी जो 2020 में घटकर 9 रह गयी है। 9 ब्लैक स्पॉट ऐसे है जहाँ पर दुर्घटनाएं होती है वहां पर इजीनियरिंग सुधार भी हम लोगों ने किया है। प्रयास हमारा यह रहेगा कि जो 9 ब्लैक स्पॉट है उसमें भी कमी लायी जा सके। टाटीबंध चौक और पिंटू ढाबा ब्लैक स्पॉट है वहाँ पर के कटिंग को हमने बंद कर दिया है। इसके अलावा मंदिर हसौद का जो चौक है वहा पर भी फ्लाईओवर प्रस्तावित है ब्लैक स्पॉट है वहां पर, यदि इजीनियरिंग सुधार होता है या फ्लाईओवर बनता है तो ब्लैक स्पॉट खत्म हो जाएगा। 2019 के जो 17 ब्लैक स्पॉट थे उसमे भाठागांव ओवर ब्रिज और कुशालपुर चौक था इसमें जब फ्लाईओवर बना तो ऑटोमेटिक ब्लैक स्पॉट खत्म हो गया। 9 ब्लैक स्पॉट है उसमें भी सुधार हो रहा है। आने वाले समय मे ये भी स्पॉट खत्म होंगे। 18 जनवरी से 17 फरवरी तक सड़क सुरक्षा माह मनाया जाएगा, इसमे हमारा उद्देश्य रहेगा कि ब्लैक स्पॉट में जो एक्सीडेंट होता है उसमें कमी लायी जा सके। इसके लिए हमने 9 ब्लैक स्पॉट के आसपास जितने भी गांव है वहां पर ट्रैफिक चौपाल लगाने प्रस्तावित है। गांव के लोगो को जागरूक करेंगे कि किस प्रकार सड़क पार करना है,शाम के समय किस प्रकार सावधानी बरतना है। ब्लैक स्पॉट में लोग जागरूक होंगे तो सड़क दुर्घटना में कमी आएगी। 2020 में जो निष्कर्ष निकल कर सामने आया है जो 90 से 95 परसेंट वाहन चालक जो दुर्घटना के शिकार होते है वो दोपहिया वाहन चालक है।