फीचर स्टोरी.
छत्तीसगढ़ में क्या अब कोरोना का कहर नहीं बरपेगा ? क्या छत्तीसगढ़ सरकार संभावित तीसरी लहर को लेकर पूरी तरह से तैयार है ? आखिर सरकार कैसे निपट पाएगी तीसरी लहर से ? ये तमाम सवाल जाहिर कोरोना की दूसरी लहर देखने के बाद से हर किसी के मन आते ही होंगे. लेकिन चिंता की बात नहीं, क्योंकि इन तमाम सवालों का जवाब राज्य सरकार अपनी तैयारियों के साथ दे दिया है.
दरअसल पहली और दूसरी लहर के बाद कोरोना से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते अनुभवों को ध्यान में रखते हुए व्यापक स्तर पर तैयारियाँ की है. राज्य सरकार के सामने कोरोना संकट के बीच संक्रमण से निपटने की अनगिनत चुनौतियाँ थी. इन चुनौतियों का सामना करते हुए आज छत्तीसगढ़ ने तीसरी लहर की संभावना के बीच उन कमियों को दूर कर लिया है, जो संभवता दूसरी लहर के बीच कुछ हद तक देखने को मिली थी.
आज छत्तीसगढ़ सरकार ने संभावित तीसरी लहर के बीच अपनी तैयारियों को और भी तेज कर दी है. राज्य में राज्य में ऑक्सीजन, वैंटिलेटरों, दवाइयों, बिस्तरों, चिकित्सकों तथा चिकित्साकर्मियों के समुचित प्रबंध समय रहते कर लेने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं. मुख्यमंत्री ने खुद स्वास्थ्य विभाग के साथ कोरोना संक्रमण पर समीक्षा बैठक कर चुके हैं. उन्होंने विभाग के अधिकारियों की लगातार बैठकें लेकर संभावित परिस्थितियों से निपटने की रणनीति तय की है. मुख्यमंत्री ने गांवों से लेकर शहरों और राजधानी रायपुर तक चिकित्सा अधोसंरचना को इस तरह मजबूत करने को कहा है.
- कोरोना से निपटने इस तरह से की छत्तीसगढ़ सरकार ने तैयारियाँ
- प्रदेश में वैंटिलेटर्स की संख्या 280 से बढ़कर 723
- आईसीयू बैड्स की संख्या 406 से बढ़कर 729
- आक्सीजन कॉनसेंट्रेटर्स की संख्या 1061 से बढ़कर 5142
- जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर 2704 से 9382
- छोटे आक्सीजन सिलेंडर 2499 से 5362
- पीएसए ऑक्सीजन प्लांट 6 से 23
- मल्टी पैरामॉनिटर 624 से बढ़कर 1142
- प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 05 आक्सीजन कॉनसेंट्रेटर
- प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15 ऑक्सीजन बेड
- 15 जंबो सिलेंडर और 4 आईसीयू बेड
- प्रत्येक जिला चिकित्सालय में सभी ऑक्सीजन बेड
- वैंटिलेटर सहित कम से कम 30 आईसीयू बेड
- कम से कम 02 शिशु वैंटिलेटर
- ऑक्सीजन के लिए पीएसए प्लांट
- लिक्विड ऑक्सीजन टैंक एवं ऑक्सीजन पाइप लाइन तथा मैनिफोल्ड
- प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में वैंटिलेटर सहित 100 आईसीयू बेड
- 20 शिशु वैंटिलेटर, तथा जिला अस्पतालों जैसे सभी संसाधन
वैटीलेटर, आईसीयू, ऑक्सीजन बैड, ऑक्सीजन प्लांट, सिलेंडर, कॉनसेंट्रेटर्स की संख्या में इजाफा
भूपेश सरकार ने कोरोना के मद्देनजर की उनमें और भी ढेरों सुविधाएं शामिल है. जैसे- ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता के लिए प्रदेश में 100 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 23 पूर्ण हो चुके हैं और 77 निर्माणाधीन हैं. वहीं प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला चिकित्सालयों में पीएसए प्लांट स्वीकृत किए जा चुके हैं.
इसी तरह 22 लिक्विड ऑक्सीजन टंकियां स्वीकृत की गई हैं. 10, 618 जंबो ऑक्सीजन सिलेंडर तथा 7960 छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की अतिरिक्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों के 690 बेड्स में पाइप लाइन की अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है. इसी तरह 717 वैंटिलेटर, 123 शिशु वैंटिलेटर की व्यवस्था के लिए तैयारी की जा रही है। प्रदेश के 967 शासकीय और 435 निजी अस्पतालों में डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और आयुष्मान भारत योजना के तहत जरूरतमंदों को इलाज की सुविधा दी जा रही है.
टीकाकरण पर दिया गया जोर
इसी तरह कोविड-19 से बचाव के लिए टीके की उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण पर भी जोर दिया गया है. सरकारी आँकड़ों के मुताबिक 01 जुलाई 2021 तक 99 लाख 12 हजार 608 टीके लगाए जा चुके हैं. प्रदेश में करीब 82 लाख 79 हजार 252 लोगों को पहला टीका और 16 लाख 33 हजार 356 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं. प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक आयु के 47 लाख 80 हजार 724 और 18 से 44 वर्ष आयु-वर्ग में 28 लाख 73 हजार 824 नागरिकों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा चुका है.
पॉजिटिव दर सबसे कम
छत्तीसगढ़ में 15 जुलाई 2021 की स्थिति में पाजिटिविटी दर घट कर मात्र 0.8 प्रतिशत रह गई है. रिकवरी दर 99 प्रतिशत से अधिक है. राज्य की प्रतिदिन टेस्ट क्षमता 30-35 हजार से बढ़कर अब 70 हजार टेस्ट से अधिक हो चुकी है. वर्तमान में 35 शासकीय, 6 निजी लैब में ट्रू नॉट जांच की सुविधा है. 11 शासकीय और 5 निजी लैब में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा है.
पाँच और आरटीपीसीआर लैब
राज्य में 5 नई शासकीय आरटीपीसीआर लैब बलौदाबाजार, दुर्ग, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा एवं जशपुर में स्थापित की गई है. प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर ट्रूनॉट लैब की जांच क्षमता में वृद्धि की गई है. राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की जा चुकी है. छत्तीसगढ़ के 14 नगर निगमों में 13 मई से सप्ताह में सातों दिन 24 घंटे रेपिड एंटिजन टेस्टिंग की सुविधा है. राज्य में अब तक कोरोना के लक्षण वाले 22 लाख 42 हजार लोगों को निःशुल्क दवा किट का वितरण किया गया है.
अधोसंरचना के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
सरकारी आँकड़ों के मुताबिक राज्य में मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की संख्या 6 से बढ़कर 9, जिला चिकित्सालयों की संख्या 26 से बढ़कर 28 तथा सिविल अस्पताल की संख्या 19 से बढ़कर 20 हो गई है. ढाई सालों में 50 बिस्तर वाले 15 तथा 100 बिस्तर वाले 6 एमसीएच अस्पताल स्थापित किए गए हैं. इस अवधि में 6 नए उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भी स्थापित किया गया है. राज्य में ढाई सालों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि विशेषज्ञ, चिकित्सकों, चिकित्सा अधिकारियों सहित मेडिकल स्टाफ की संख्या 18,458 से बढ़कर 20,405 हो गई है, जिसमें विशेषज्ञ, चिकित्सकों की संख्या 175 से बढ़कर 319, चिकित्सा अधिकारियों की संख्या 1359 से बढ़कर 1818 और स्टाफ नर्स की संख्या 2580 से बढ़कर 4091 हो गई है. वर्तमान में 300 चिकित्सा अधिकारियों, 92 स्टाफ नर्स, 50 मेडिकल लैब टेक्नॉलाजिस्ट तथा 146 ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक (महिला) की भर्ती प्रक्रियाधीन है.