फीचर स्टोरी. गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के नारे के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का 3 साल पूरा हो चुका है. इन तीन सालों में भूपेश सरकार के पास गिनाने के लिए ढेरों उपलब्धियाँ है. सरकारी दावों के मुताबिक राज्य के सभी वर्गों के लिए काम किया गया. गाँव-गरीब-किसान-मजदूर-महिला-युवा, हर वर्ग के सपने को साकार करने की पूरजोर कोशिश सरकार ने की है.
सरकार ने विभिन्न योजनाओं के साथ वंचित वर्गों के साथ न्याय भी किया है. फिर चाहे बात किसान न्याय योजना की हो या गौपालकों के लिए गोधन न्याय योजना की. इसके साथ ही किसानों ने भूमिहीन परिवारों के साथ न्याय करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है.
इसी तरह से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके साथ न्याय करने के लिए समूहों के माध्यम से स्व-रोजगार को जोड़ा है. आज प्रदेश भर में लाखों महिलाएं समूह के माध्यम से न सिर्फ खुद का व्यवसाय कर रही हैं, बल्कि बहुतों को रोजगार देने का काम भी कर रही हैं.
महिलाओं के साथ-साथ राज्य के युवाओं के सपनों का साकार करने के दिशा में सरकार कई योजनाओं के जरिए काम कर रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक योजना है मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना.
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए सरकार ऐसे युवाओं को स्व-रोजगार से जोड़कर उनका कौशल विकास रोजगार मुहैय्या करा रही है, जो कि अपने शहर-गाँव से ज्यादा दूर पढ़ने या काम करने नहीं जा सकते हैं, या जो करना बहुत कुछ चाहते लेकिन आर्थिक अभाव या सामाजिक कारणों से अपनी चाहत पूरी नहीं कर पाते. ऐसे युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना का संचालन किया जा रहा है.
तीन साल में 25 हजार युवाओं को रोजगार
बीते 3 साल में भूपेश सरकार ने इस योजना के जरिए हजारों युवाओं के सपने को पूरा करने का काम किया है. सरकार की ओर जारी किए गए आँकड़ों के मुताबिक तीन साल में करीब 25 हजार युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार मुहैय्या कराया गया है.
आँकड़ों के मुताबिक प्रशिक्षण प्राप्त 24 हजार 613 लोगों को रोजगार मिला. जिनमें से 13 हजार 362 को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त हुआ, तो वहीं 11 हजार 251 को स्व-रोजगार से जोड़ा गया. छत्तीसगढ़ देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने अपने युवाओं को उनके मनपसंद व्यवसायों में कौशल प्रशिक्षण पाने का कानूनी अधिकार दिया है.
यह सब संभव हो सका है कि मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप. जानकारी के मुताबिक गुणवत्तायुक्त एवं नियोजन आधारित कौशल प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के उद्देश्य से माड्यूलर इम्पलॉयेबल स्किलस् (एमईएस) कोर्स के स्थान पर बाजार की मांग एवं आधुनिक तकनीक पर आधारित राष्ट्रीय अर्हता कौशल फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) कोर्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. जल संरक्षण के उद्देश्य से रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्स में प्रशिक्षण हेतु राज्य प्राधिकरण द्वारा कौशल विकास एवं उद्यमियता मंत्रालय, भारत सरकार के कोर्स की सूची में पंजीयन कराया गया है.कौशल प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर एवं नियोक्ताओं को कुशल प्रशिक्षित कामगार एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराने के लिए रोजगार संगी मोबाइल एप का शुभारंभ किया गया.
मोबाइल एप से हो रहा फायदा
राज्य सरकार की ओर सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं तक उन्हें रोजगार संबंधी जानकारी भी दी जा रही है. सूचना क्रांति के इस युग में प्रायः-प्रायः हर हाथ में मोबाइल पहुँच चुका है. लिहाजा सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कौशल विकास से युवाओं को जोड़ने मोबाइल का उपयोग भी किया जा रहा. युवाओं के लिए मोबाइल एप भी बनाया गया. मोबाइल एप के माध्यम से भी बेरोजगार युवा कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए पंजीयन करा सकते हैं.
आँकड़ों के मुताबिक मोबाईल एप में 14 हजार 262 कुशल युवाओं द्वारा रोजगार हेतु पंजीयन कराया गया है. प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए 1 हजार 744 नियोक्ताओं द्वारा पंजीयन इस एप पर किया गया है. कौशल प्रशिक्षण की गुणवत्ता में वृद्धि तथा बेहतर परिणाम के उद्देश्य से विश्व बैंक पोषित संकल्प ( Skills Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion SANKALP )परियोजना का राज्य में क्रियान्वयन किया जा रहा है.
लाईवलीहु कॉलेज भवन, बालक-बालिका छात्रावास भवन
आँकड़ों के मुताबिक राज्य सरकार ने सभी जिलों में लाईवीहुड कॉलेज भवन के निर्माण शुरू कर दिया है. 25 जिलों में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है. 24 जिलों में विभिन्न विधाओं में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वहीं 25 जिलों में बालिका छात्रावास भवन का निर्माण भी किया जा चुका है, जबकि 18 जिलों में बालक छात्रावास भवन का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही प्रत्येक जिले के लाईवलीहुड कॉलेज में कौशल प्रशिक्षण के पूर्व हितग्राहियों की काउंसिलिंग हेतु काउंसिलिंग सेल की स्थापना की गई है.
लाईवलीहुड कॉलेज में विगत तीन वर्ष में 11506 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, प्रशिक्षित युवाओं में से 7039 युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार प्राप्त हो चुका है.
वास्तव में जब प्रयास नेक हो, काम अनेक हो और भरोसा पूरा तो परिणाम इसी तरह से निकलकर आते हैं. जैसा तीन साल के इस कार्यकाल में देखने को मिल रहा है. आलोचना कई मोर्चों पर की जा सकती है. लेकिन काम नहीं हुआ और नहीं हो रहा है यह कहना कहीं से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है.
मुख्यमंत्री कौशल विकास के आँकड़े के बताते हैं कि सरकार हर युवा के सपनों को साकार करने की दिशा में प्रयास मजबूती से और कारगर तरीके से कर रही है. उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में आँकड़ा 25 से बढ़कर 50 हजार युवाओं के कौशल विकास तक पहुँचेगा.