नई दिल्ली . दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में शुक्रवार को 67वें राष्ट्रीय स्कूल खेल प्रतियोगिता की शुरुआत हुई. इस अवसर पर दिल्ली की खेल मंत्री आतिशी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए खेल भी पढ़ाई जितनी ही महत्वपूर्ण है.

प्रतियोगिता में 13 खेलों को शामिल किया गया है. प्रतियोगिता में अंडर 14, 17, और 19 वर्ष के करीब 3400 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. इसमें वे सभी खेल शामिल हैं, जो एशियाई और ओलंपिक में शामिल होते हैं. इसमें विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य बोर्डों सहित देश की कुल 44 इकाइयों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे.

‘सफल खिलाड़ी बनने को समर्पण और मेहनत जरूरी’ इस मौके पर आतिशी ने कहा कि एक सफल खिलाड़ी बनने के लिए समर्पण और मेहनत की जरूरत होती है. छात्रों को इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लेना चाहिए, तभी उनका सर्वांगीण विकास संभव होगा.

शैक्षिक पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करें मंत्री आतिशी ने कहा कि हमारे शैक्षिक पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करना राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक है. यह न केवल शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देता है, बल्कि खिलाड़ियों में टीम वर्क, अनुशासन जैसे महत्वपूर्ण कौशल को भी विकसित करता है. यह एक स्वस्थ, अधिक प्रतिस्पर्धी पीढ़ी की नींव रखता है.

‘खिलाड़ी बनना कोई आसान उपलब्धि नहीं’

आतिशी ने कहा कि खिलाड़ी बनना कोई आसान उपलब्धि नहीं है. जब हम खिलाड़ियों को पदक जीतते देखते हैं तो हम उस विशेष दिन को याद रखते हैं, लेकिन उसके पीछे उनके सालों की मेहनत होती है. एक सफल खिलाड़ी बनने के लिए समर्पण और मेहनत की जरूरत होती है. चाहे वह भाला फेंकने वाला हो, रिले रेसर हो, मुक्केबाज हो, पहलवान हो, क्रिकेटर हो या तैराक हो, सभी अपने खेल की तैयारी के लिए दिन और रात समर्पित करते हैं. तभी वे राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय पटल पर खुद को स्थापित कर पाता है.