नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की प्रशासकों की समिति (CoA) को भंग करने के साथ होने वाले चुनाव को भी टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से भारत में होने वाले अंडर -17 महिला विश्व कप के आयोजन की आस जग गई है. फुटबाल का वैश्विक नियामक संगठन FIFA पहले ही AIFF की मान्यता को खत्म करने के साथ महिला विश्व कप के आयोजन को रद्द कर चुका है.

FIFA के फैसले के आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि AIFF की कार्यकारी समिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष समेत 23 सदस्य होंगे. साथ ही छह प्रतिष्ठित खिलाड़ी इसका हिस्सा हो सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची में AIFF के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस उम्मीद में आदेश पारित किया जा रहा है कि FIFA भारत में आयोजित होने वाले AIFF और अंडर -17 महिला विश्व कप के निलंबन को रद्द कर देगा. वांछित परिणाम नहीं आने पर कोर्ट आगे के आदेशों पर विचार करेगा.

फुटबॉल फेडरेशन विवाद में खेल मंत्रालय ने भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपने पूर्व आदेश में संशोधन करने की गुहार लगाई. सरकार ने कहा है कि AIFF के लिए प्रशासनिक समिति तो अस्थाई इंतजाम था. अब संविधान का नया प्रारूप भी तैयार हो गया है. स्थाई समाधान तो नई कार्यसमिति के जरिए ही हो सकेगा. FIFA ने भी मतदाता मंडल को लेकर सवाल उठाते हुए भारतीय फुटबॉल के प्रशासन को लेकर चिंता जताई थी. चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाने से FIFA को भी तसल्ली हो जाएगी. निर्वाचक मंडल में बदलाव के लिए FIFA के सुझावों को मानना होगा.

वर्ल्ड कप के आयोजन को लेकर पूछपरख

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सवाल किया कि अगर प्रशासकों की समिति (CoA) ने आज काम करना बंद कर दिया तो आज से वर्ल्ड कप तक कौन संभालेगा? इस पर महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा कि पहले से ही एक महासचिव है, जिसे 35 सदस्यों द्वारा चुना जाता है. यदि CoA का अस्तित्व समाप्त हो जाता है तो वह दिन-प्रतिदिन के प्रशासन के लिए काम कर सकता है. इस पर भूटिया के वकील ने AIFF के लिए नए संविधान और प्रख्यात खिलाड़ियों के 36 सदस्यीय निर्वाचक मंडल के समर्थन में बहस की. भूटिया ने सुप्रीम कोर्ट से संविधान के मसौदे को अंतिम रूप देने का आग्रह किया.

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