प्रतीक चौहान. रायपुर. आरपीएफ के एक सब इंस्पेक्टर ने सीनियर डीएससी पर गंभीर आरोप लगाए है. अपनी इस शिकायत में पीड़ित सब इंस्पेक्टर ने ये तक लिख दिया है कि उसके साथ हो रही प्रताड़ना से उसे समझ आ रहा है कि क्यों स्टॉफ खुद को या अधिकारी को गोली मार देते है. यहां ये बताना जरूरी है कि ये गंभीर आरोप उस डिवीजन के सीनियर डीएससी पर लगे है जिनका खुद का ड्राइवर गांजा की तस्करी करते हुए पकड़ा गया था, उसी डिवीजन के इंस्पेक्टर ने पहले भी इसी अधिकारी पर लेन-देन करने के आरोप लगाए थे और प्रताड़ित होकर नौकरी छोड़ने की चेतावनी दे दी थी, जिसे बाद में समझाइश देकर बिलासपुर हेड क्वाटर में पदस्थ किया गया है.
जिस एसआई ने डीजी आरपीएफ, आईजी एसईसीआर, रेल मंत्रालय समेत आधा दर्जन से अधिक जगहों पर इस मामले की शिकायत की है, उसमें उन्होंने दावा किया है कि नागपुर (एसईसीआर) के सीनियर डीएससी पंकज चुघ अपने किसी खास को कामठी बाहरी चौकी में पदस्थ करना चाहते थे. लेकिन टीएमएम यानी ऑन लाइन ट्रांसफर की एक प्रक्रिया के माध्यम से प्रार्थी एसके दुबे को यहां पदस्थ किया गया. लल्लूराम डॉट कॉम के पास मौजूद शिकायत पत्र के मुताबिक Good Will की अपेक्षा रखते हुए उन्हें ये धमकी देते थे कि उन्हें यहां पदस्थ नहीं रहने देंगे और सस्पेंड करेंगे.
मामले के जानकार बताते है कि न जाने कामठी आउट पोस्ट में ऐसा क्या है कि यहां महज कुछ महीनों के अंदर 3 से 5 बार पहुंचे और सब इंस्पेक्टर के चेंबर के अंदर ही हर बार पूरी बातचीत हुई. अब सवाल ये है कि कामठी में ऐसा क्या था कि खुद कमांडेंट स्तर के अधिकारी को अपने अधिन दर्जनों इंस्पेक्टरों के होते हुए यहां बार-बार आना पड़ा ? और यदि वो यहां किसी शिकायत या जांच करने आए थे तो एसआई और उनके बीच चेंबर के अंदर क्या बातचीत हुई ?
मुग्गिसुद्दीन को क्यों सस्पेंड नहीं किया सीनियर डीएससी ने ?
इस शिकायत में ये दावा किया गया है कि मोहम्मद मुग्गिसुद्दीन जो वर्तमान में तुमसर में है, लेकिन इसके पूर्व में कामठी आऊट पोस्ट में थे. उनके कार्यकाल में ही यहां रेलवे क्षेत्र के पेड़ों की अवैध कटाई की गई, जिसके आरोप में प्रार्थी दुबे को सस्पेंड किया गया. लेकिन जब मोहम्मद मुग्गिसुद्दीन के टेन्योर में ही यहां अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई हुई तो उनके खिलाफ क्यों डीएससी ने कार्रवाई नहीं की ? ये जांच का विषय है.
जिसे प्रार्थी ने आरोपी बनाया, उसे फिर उसी मामले में CIB ने आरोपी बना…. कैसे ?
शिकायत में दावा किया गया है कि अवैध कटाई के मामले में प्रार्थी ने जिन आरोपियों पर कार्रवाई की, उसके बाद विभाग ने उन्हें सस्पेंड किया. उसी आरोपियों को फिर से सीआईबी नागपुर ने उसी मामले में आरोपी बनाया. दावा तो यहां तक का है कि सीआईबी के अधिकारियों ने आरोपियों से अवैध वसूली भी की. शिकायत पत्र में दावा किया गया है कि ये आरपीएफ की विभागीय जांच में उक्त आरोप बतौर प्रमाण दर्ज है.
रामलाल ने की 50 हजार रुपए की मांग ?
उच्च अधिकारियों को की गई शिकायत के मुताबिक रामलाल के द्वारा 50 हजार रुपए की मांग सीनियर डीएससी के नाम पर खुल्लम-खुल्ली की गई. शिकायत में लिखा हुआ है कि अब फोर्स में संभवतः वरिष्ठ अधिकारियों के इन्हीं अत्याचारों की वजह से जवान खुद को या अधिकारियों को गोली मार देते हैं, यह गंभीर जांच का विषय है.
इस संबंध में SECR के RPF IG से उनका पक्ष लेने फोन किया गया. उन्होंने ये कहते हुए फोन रख दिया कि ये सरकारी चीज है और इसके लिए हमे प्रेस (मीडिया से) कोई बात नहीं कहनी है.
अब जान लेते है थोड़ा IG के बारे में…
लल्लूराम डॉट कॉम ने कुछ महीनों पहले ये खुलासा किया था कि बिलासपुर के तत्कालीन सीनियर डीएससी के खिलाफ की गई शिकायत के बाद आरपीएफ डीजी ने जांच के लिए आईजी को गोपनीय पत्र लिखा था. लेकिन ने इस गोपनीय पत्र पर कोई कार्रवाई न करते हुए आईजी अपने और तत्कालीन डीएससी के परिवार के साथ निरीक्षण के साथ-साथ अंबिकापुर पिकनिक मनाने गए हुए थे. ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था और दिल्ली से आई उच्च अधिकारियों की टीम ने भी इस मामले को संज्ञान में लिया था.