कोलंबो। आजादी के बाद से लेकर अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका सरकार के सभी 26 कैबिनेट मंत्रियों ने रविवार को देर रात तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को सौंपे गए मंत्रियों के सामूहिक इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया गया है. इस बीच आर्थिक संकट की मार झेल रहे आम लोगों ने आपातकाल लागू होने के बाद भी सड़कों पर उतरकर सरकार के प्रति अपने गुस्से का इजहार किया.

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने एक अप्रैल को देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी कर देश में तत्काल प्रभाव से आपातकाल लागू करने की घोषणा की थी. सरकार ने शनिवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक 36 घंटे का कर्फ्यू भी लगा दिया. इस बीच श्रीलंका सरकार ने व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया मंचों पर लगाया गया प्रतिबंध रविवार को हटा दिया.

श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. पिछले कई सप्ताह से देश की जनता को तेल और रसोई गैस के लिए लंबी कतारों में खड़े होने के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है. राजपक्षे ने अपनी सरकार के कदमों का बचाव करते हुए कहा है कि विदेशी मुद्रा का संकट उनके द्वारा नहीं पैदा किया गया है और आर्थिक मंदी काफी हद तक महामारी के कारण आई है.