रायपुर– बजट विधानसभा सत्र में गुरुवार को विधायक विकास उपाध्याय ने पश्चिम विधानसभा के लिए परिवहन, आवास एवं पर्यावरण वन खाद्य विभाग की बातें प्रमुखता से सरकार के समक्ष रखी. विकास उपाध्याय ने विधानसभा सत्र में चर्चा के दौरान ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की मांग प्रमुखता से रखी. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में सरकार नए तरीके से काम करे. गोल्डन, सिल्वर कार्ड से बाहर निकले, जिससे ट्रांसपोर्टर भय मुक्त व्यापार कर सके.
विकास उपाध्याय ने बताया कि पश्चिम विधानसभा में आज सबसे अधिक ट्रांसपोर्ट व्यापारी व्यवसाय करते हैं. आज ट्रांसपोर्ट का काम इतना बढ़ गया है कि आज इस क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की मांग की जा चुकी है. सड़क किनारे ट्रक खड़े होने की वजह से ट्रांसपोर्ट व्यवसाइयों को जमीन चिन्हाकित कर व्यवसाय के लिए जमीन की आवश्यकता है. पूरे छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ जिले की नंबर वाली गाड़ी का किसी भी जिले में फिटनेस होना चाहिए. जो ओवर लोड का फाइन होता है तीनों पार्टी का होता है पर ना तो ट्रांसपोर्टर से वसूला जाता है ना फैक्ट्री मालिक से, बस खाली ट्रक मालिक से ही लेकर गाड़ी छोड़ दी जाती है अर्थात फाइन तीनो पार्टी से लिया जाए.
विकास उपाध्याय ने पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने की बात उठाते हुए कहा कि राजधानी पिछले 15 साल से प्रदूषण की मार झेल रहा है. पश्चिम विधानसभा में औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण सबसे ज्यादा पर्यावरण की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. घर की छतों पर काले धुएं की परत जम रही है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य की समस्या उत्पन्न हो रही है. उद्योगों से निकलने वाले धुएं की जांच रेगुलर होनी चाहिये ओर पर्यावरण संरक्षण के लिए पश्चिम विधानसभा में अधिक पेड़ लगाने की बात रखी.
विकास उपाध्याय वन विभाग के संदर्भ में भी अपनी बातें प्रमुखता से रखा. उन्होंने कहा कि पश्चिम विधानसभा में इन दिनों बंदरों का जमावड़ा बढ़ गया है. अटारी, जलवाय में 100 से अधिक बंदर इस क्षेत्र में सक्रिय है जो लगातार उत्पात मचा रहे हैं. वन मंडल को इस क्षेत्र में लगा कर बंदरों से मुक्ति दिलाया जाए. नंदनवन के जू का दर्जा खत्म कर दिया गया है तब से पुराना नंदनवन जर्जर हो रहा है. जानवरों की ठीक से देखभाल नहीं की जा रही है. पक्षी विहार का विस्तारीकरण करने की पहल सरकार द्वारा की जाये.
हाउसिंग बोर्ड में होने वाली समस्या को सदन में उठाते हुए कहा कि कम्युनिटी हॉल का ठेका बंद किया जाए. लीज रेंट ( 40 साल पुरानी कॉलोनी) माफ किया जाए. हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में खेलकूद एवं गार्डन नहीं रहता, इसलिए खेलकूद के लिए मैदान एवं गार्डन बनाया जाए. राजधानी के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में खेल के मैदान ओर गार्डन नहीं है यही समस्या सबसे ज्यादा प्रमुख है. हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में सीवर लाइन के लिए पाइप लाइन अलग से होना चाहिए. कमल विहार आज सफेद हाथी साबित हो रहे हैं. आज कमल बिहार के ऊपर 400 एकड़ से अधिक का लोन हो गया है.