आध्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य के उत्तर प्रदेश को ‘मिनी पाकिस्तान’ कहे जाने पर सपा नेता एसटी हसन ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वे इस तरह के बयान नहीं देंगे तो इनकी दुकान कैसे चलेगी. ऐसा बयान देकर समाज में भय और विभाजन पैदा कर रहे हैं ताकि उनकी ‘दुकान’ चलती रहे और एक खास राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचे.
हसन ने कहा कि हिंदू-मुसलमान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाइयों की तरह रहते हैं, एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ देते हैं. हसन ने तंज कसते हुए कहा कि जब सरकार, सेना, पुलिस और संसाधन हिंदू नेतृत्व के पास हैं, तो ‘हिंदू खतरे में’ का नेरेटिव कैसे बनता है? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ऐसे लोगों को धार्मिक कहा जा सकता है, जो कथित तौर पर समाज को बांटकर अपनी ‘दुकान’ चलाते हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कैसे बना, यह किसी से छिपा नहीं है. रामभद्राचार्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मिनी पाकिस्तान कहकर मुसलमानों को आतंकवादी बता रहे हैं. उन्हें क्या बोलना है और क्यों बोलना है, बोलने से पहले उन्हें विचार करना चाहिए.
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बता दें कि रामभद्राचार्य ने विक्टोरिया पार्क में बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि अपने ही देश में हम हिंदू धर्म को न्याय नहीं दे पा रहे हैं. हिंदू धर्म और हिंदुओं पर खतरा है. हर घर में हिंदू धर्म की पाठशाला बनानी पड़ेगी. प्रत्येक माता-पिता को अपने बच्चों को हिंदू धर्म की शिक्षा देनी होगी. उत्तर प्रदेश मिनी पाकिस्तान लगता है.
रामभद्राचार्य ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर सदा याद रखा जाएगा. हिंदुओं को बिना किसी अपराध के मारा जा रहा है. ऐसे लोगों को समाप्त कर देना चाहिए. जम्मू कश्मीर में सैलानियों की धर्म पूछकर हत्या की गई तो हमने भी उन्हें प्रसाद दे दिया. पड़ोसी देश को नानी याद आ गई. उन्होंने कहा कि मैं हिंदू धर्माचार्य हूं, अब मैं ओम क्रांति-क्रांति ही कहूंगा, हम ओम शांति-शांति का नारा बहुत दे चुके हैं. हमारा किसी से बैर नहीं. हम वसुधैव कुटुंबकम में जीते हैं. हम किसी को भूल से भी नहीं छेड़ेंगे, लेकिन अगर कोई हमें छेड़ेगा तो छोड़ेंगे भी नहीं.
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