रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब डेढ़ वर्ष पूर्व सील किये गए अस्पताल के गेट वापस खुले हुए पाए गए। जिस हॉस्पिटल को 250 करोड़ रुपए के घोटाले की वजह से बंद कर दिया गया था। जिस पर नोटिस चस्पा कर कुर्की के आदेश दिए थे, उसे अचानक प्रशासन के नाक के नीचे खोल दिया गया और किसी भी अधिकारी को इसकी कानों कान खबर नहीं लगी। मामला सामने आने के बाद तहसीलदार ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
मेवाड़ हॉस्पिटल समेत कई संपतियां हुई थी कुर्क
दरअसल सेंट टेरेसा घोटाले में धार जिले के कोर्ट रोड स्थित मेवाड़ हॉस्पिटल समेत कई सम्पत्तियों को जिला प्रशासन राजस्व की टीम व पुलिस ने डेढ़ साल पहले जब्त कर सील कर दिया था। साथ ही इसकी कुर्की के आदेश भी चस्पा कर दिए थे। दो दिन पहले अचानक इसके गेट खुले हुए दिखे। जब इस पूरे मामले की छानबीन की गई तो पता चला कि मेवाड़ हॉस्पिटल में धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। जिसकी चर्चा पूरे धार जिले में होने लगी।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे अधिकारी
इस पूरे मामले की सूचना जिला प्रशासन को मिलते ही क्षेत्र के पटवारी और आर. आई. मौके पर पहुंचे थे। आर.आई. व पटवारी के आने के बाद फरार आरोपी सुधीर जैन के भतीजे सिद्धार्थ जैन एसडीएम कार्यालय पहुंचे और एसडीएम रोशनी पाटीदार को एक आदेश की कॉपी दी। जिसके बाद एसडीएम ने तहसीलदार दिनेश कुमार उईके को तलब किया व कलेक्टर से चर्चा की। उन्होंने बताया कि संबंधित के द्वारा एक आदेश कॉपी दी गई है। इस बारे में कानूनी सलाह ली जा रही है।
कानूनी सलाह ले रहे: अधिकारी
धार तहसीलदार दिनेश कुमार उइके ने कहा कि यह मामला हमारे संज्ञान में आया है और संबंधित व्यक्ति को हमने बुलाया है। साल 2022 का सिविल कोर्ट का एक आदेश आदेश इसमें प्रस्तुत किया गया है। इसमें लोअर कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया गया है। इस संबंध में उन्होंने एक आदेश प्रस्तुत किया है। लेकिन फिर भी हम इस पर हमारे शासकीय अधिवक्ता से कानूनी सलाह ली जा रही है। इसमें क्या सही है उसके अनुसार संबंधित के ऊपर जो भी कार्रवाई होगी की जाएगी।
सेंट टेरेसा घोटाले से जुड़ा है मामला
बता दें कि धार पुलिस ने 28 नवंबर 2021 को 250 करोड रुपए के सेंट टेरेसा घोटाले में प्रकरण दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने सुधीर जैन और उसकी पत्नी समेत 34 लोगों को आरोपी बनाया था। दोनों ही पति-पत्नी विगत दो वर्षों से फरार चल रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने इन पर तकरीबन 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा है।
न्यायालय ने सुधीर जैन और उसकी पत्नी की संपत्ति को कुर्क करने के पुलिस के आवेदन पर सुनवाई करते हुए इसकी सहमति दी थी। उस दौरान 11 संपत्तियों की कुर्की के आदेश दिए गए थे जिसमें मेवाड़ हॉस्पिटल भी एक है। उस वक्त हॉस्पिटल की बिल्डिंग को किराए से देकर रखा था और भवन में मरीज होने का हवाला देकर कुछ समय की मोहलत मांगी थी।
आरोपियों को गिरफ्तार करने के पुलिस के अब तक के सारे प्रयास असफल रहे हैं।से संपत्ति के ताले खुले तीन दिन हो चुके हैं। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों का इसी मार्ग से आना-जाना होता है। सामने पुलिस चौकी भी है। वहीं अब अचानक से मेवाड़ अस्पताल के दरवाजे खुलने से प्रशासन के ऊपर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं।
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