वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। सीपत पुलिस पर NTPC कर्मी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि शराब पीकर गाड़ी चलाने के आरोप लगाकर पुलिस ने 50 हजार रुपये की डिमांड कर धमकी दी। डर से उसने घर पहुंचकर जहर पी लिया। NTPC कर्मी को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कर्मचारी की पत्नी ने मामले की शिकायत एसएसपी से की है, जिस पर जांच की जा रही है। वहीं पुलिस पर एक व्यापारी की गाड़ी को 24 हजार रुपये लेकर छोड़ने और फिर दोबारा कार्रवाई करने का आरोप भी लगा है। जिस पर व्यापारी ने शिकायत कर दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है। दोनों मामला सीपत थाने का है।


इस वजह से NTPC कर्मचारी ने उठाया आत्मघाती कदम
सीपत के उज्जवल नगर एनटीपीसी कॉलोनी में रहने वाले धीरेंद्र मंजारे, एनटीपीसी के एचआर विभाग में काम करते हैं। उनकी पत्नी रामेश्वरी ने बताया कि रविवार को धीरेंद्र शराब लेने के लिए शराब दुकान गए थे। शराब लेकर निकलते समय, सीपत थाने के कुछ जवानों ने उन्हें पकड़ लिया और थाना ले जाकर उनकी गाड़ी को जब्त कर दिया। पत्नी के मुताबिक, थाने में धीरेंद्र से 50 हजार रुपये की मांग की गई। रुपये नहीं मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी गई। धीरेंद्र पुलिस की धमकी से डर गए। उन्हें पैसे लाकर देने के लिए कहा गया, तो कर्मचारी थाने से अपने घर जाने के लिए निकले और रास्ते में जहर पी लिया।

इसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी अपनी पत्नी को दी। तब रामेश्वरी ने पति की तलाश कर उन्हें एनटीपीसी अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद अपोलो रेफर कर दिया गया। अपोलो में भर्ती कर धीरेंद्र का इलाज किया जा रहा है, जहां उनकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है। पत्नी ने मामले की शिकायत एसएसपी से करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
व्यवसायी ने भी लगाया अवैध वसूली का आरोप
वहीं एक अन्य मामले में सीपत के नवाडीह चौक निवासी अविनाश सिंह ठाकुर ने भी अवैध वसूली की शिकायत की है। किराना दुकान चलाने वाले अविनाश का आरोप है कि रविवार को अपने दोस्त रवि कश्यप के साथ किसी काम से सीपत थाने गए थे। थाने में व्यवसायी को कार्रवाई के नाम पर धमकाया गया। बिना कार्रवाई के छोड़ने के लिए उनसे 50 हजार रुपये की मांग की गई। व्यवसायी ने ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर करने की बात कही। तब थाने में ही प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करने वाले राजेश्वर कश्यप के खाते में 24 हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। ऑनलाइन रुपये मिलने के बाद उनके वाहन को छोड़ दिया गया। कुछ देर बाद उनकी गाड़ी दूसरी जगह रोकी गई और थाना लाकर उसके दोस्त रवि कश्यप के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।
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